Rajasthan Weather Update: इंद्रदेव की बेरुखी से परेशान किसान समेत आमजन अब काफी परेशान है. लोग इंद्रदेव को खुश करने के लिए कई तरह के जतन कर रहे है . टोंक के घाड़ क्षेत्र के केदारा गांव के कल देर शाम (सोमवार शाम) घांस भैरु की सवारी गाजे बाजे के साथ निकाली. इस दौरान महिलाएं नाचते गाती हुई और भैरुजी पर तेल चढ़ाते हुए चल रही थी.


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ज्ञात रहे कि करीब एक माह से जिले के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश नही हुई है. इसके चलते किसान काफी मायूस है. वे अब इंद्रदेव को रिझाने के लिए प्रयास कर रहे है. इसी कड़ी में कल घाड़ क्षेत्र के केदारा गांव में लोगों ने एकराय होकर रीति रिवाज के अनुसार घांस भैरु की सवारी निकलना शुरु हुआ. यह देर शाम तक चली. पूरे गांव से होकर यह सवारी निकाली गई. सवारी के दौरान युवा घान्स भैरू को आसन पर विराजमान कर रस्सियों पर जोर लगाते और जयकारे लगाते नजर आए.



सवारी घरों के सामने से गुजरी तो लोगों ने अगरबत्ती जलाकर और तेल, प्रसाद आदि अर्पण कर पूजा की . मुख्य बस स्टैंड से शुरू हुई यह सवारी कस्बे के प्रमुख मार्गों से होकर अपने गन्तव्य पहुंचकर सम्पन्न हुई. इस मौके पर ग्रामीण अपने घरों में बीमारियों से बचाव के लिए मिट्टी दरवाजों पर लगाते नजर आए.


भैरूजी के रूठने की अनोखी परंपरा


सवारी के दौरान घांस भैरू के रूठने की भी परंपरा है. ऐसे में लोग उन्हें सिंहासन से उतारकर शराब अर्पित करते हैं और गीत गाये जाते हैं. इसके बार फिर से घास भैरू को सिंहासन पर बिराजमान करके सवारी निकाली जाती है. घास भैरू की यात्रा में बच्चे, युवक-युवतियों, हर उम्र वर्ग के पुरुष और महिलाएं शामिल होते है. महिलाएं गीत गाती चल रही थीं. ये भैरूजी भी दो बार रूठ थे. उन्हे मनाने के बाद घांस भैरु की सवारी निकाली गई.


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