Chittorgarh: देश में जहां आज भाईचारा और एकता खत्म सी हो गई है, वहीं चित्तौड़गढ़़ शहर के समीप ओछड़ी गांव (Ochhadi village) के लोग एक अनूठी परंपरा को अपना कर रक्षाबंधन के त्यौहार पर पुरुष-पुरुष को राखी बांध कर एकता की मिसाल बनाए हुए हैं.

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वैसे तो रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर्व भाई बहन के प्यार का पर्व होता है, जिसमे बहन भाई के हाथों पर रेशम की डोरी बांध कर उसके अच्छे जीवन की प्रार्थना करती है. वहीं, भाई बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है, लेकिन ओछड़ी गांव में एक पुरुष दूसरे पुरुष के राखी बांधने की इस अनूठी परम्परा कायम किये हुए हैं.

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रक्षाबंधन के दिन सुबह से ही गांव के हर घर में ढोल बजाकर पुरुषों को एक जगह इकट्ठा होने का न्योता दिया गया. गांव के सभी पुरुष जुलूस के रूप गांव के मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करने के बाद ग्रामीण एक दूसरे को राखी बांधते कर उनकी रक्षा का वजन देते है. इनता ही नहीं गांव के विकास से लेकर अन्य कार्यो के संदर्भ में भी आपस में चर्चा कर निर्णय लिये जाते है. गांव के बुजुर्गों की माने तो यह परंपरा कई वर्षो से चली आ रही है.

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बच्चे बूढे और जवान सभी एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर गांव में हमेशा शांति, एकता बनाए रखने के लिए एक दूसरे को वचन देते हैं. गांव के जवानों का कहना है कि देश में आज कहीं भी एकता नहीं है, लेकिन यह गांव आज भी एकता का परिचायक है. हर जगह लड़ाई झगड़ों से दूर इस गांव की यह परम्परा सदियों से चली आ रही है और आगे भी जारी रहेगी.

भाईचारे की मिसाल है यह गांव
जहां देश में आज कही भी एकता जैसी बात नहीं दिखती है, जगह-जगह लड़ाई झगडों और आतंकवाद से देश जूझ रहा है, वहीं ओछड़ी गांव एकता की मिसाल कायम किये (Ochhadi Village Set An Example Of Unity) हुए है. यदि सभी जगह भाईचारा कायम रहे तो आने वाले समय में हमारा देश वाकई में फिर से सोने की चिड़िया वाला देश बन सकता है.

Reporter- Deepak vyas