Congress President Mallikarjun Kharge : मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बन गए है. अब उनकी जनसभाओं की तैयारियां शुरु हो गई है. आदिवासी समाज से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे की राजस्थान में पहली जनसभा होगी. राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में भी है. ऐसे में दक्षिण राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके में कांग्रेस जनसभा के लिए सबसे सही जगह मान रही है. ताकि यहां से गुजरात चुनाव में भी आदिवासी वोटर को साधा जा सके. इसके लिए बांसवाड़ा या डूंगरपुर में खड़गे की पहली जनसभा हो सकती है जिससे राजस्थान में मेवाड़ इलाके की 28 विधानसभा सीटों के साथ साथ अन्य गुजरात के कई विधानसभा क्षेत्र में प्रभाव डाला जा सके.


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मल्लिकार्जुन खड़गे दलित तबके से ताल्लुक रखते है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी दलित और आदिवासी वोटर में इसका संदेश भेजने की कोशिश करेगी. राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले आदिवासी बहुल भी है और आदिवासी आस्था के केंद्र भी है. बांसवाड़ा का मानगढ़ धाम और डूंगरपुर का बेणेश्वर धाम दोनों ही आदिवासियों की आस्था के केंद्र है.


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उदयपुर में कांग्रेस ने चिंतन शिविर भी किया था. जिसमें राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था. ऐसे में कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी राजस्थान का सियासी संकट सुलझाने से पहले बांसवाड़ा या डूंगरपुर में जनसभा कर सकते है. ऐसा करने से वो न सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टोह लेने में कामयाब होंगे बल्कि आदिवासी वोटर को कांग्रेस के पक्ष में करने में भी बड़ी कामयाबी मिल सकती है. बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले पारंपरिक रुप से सीमा से सटे गुजराती जिलों के आदिवासी समाज से जुड़े हुए है. ऐसे में बांसवाड़ा डूंगरपुर में जनसभा कर कांग्रेस गुजरात चुनाव को भी साध सकती है. 


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बीजेपी भी मेवाड़ क्षेत्र के उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ जिलों को साधने में जुटी है. पीएम मोदी की 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम का दौरा हो सकता है. द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस इलाके में आदिवासी सम्मान यात्रा निकाली थी. हाल ही में वसुंधरा राजे भी त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन करने वहां गई थी. अमित शाह की इस इलाके में जनसभा भी हो चुकी है तो वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया पिछले दो महीनों में 10 दिन इस इलाके में प्रवास कर चुके है. ऐसे में राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 और गुजरात विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटर को साधने के लिए बीजेपी औऱ कांग्रेस दोनों इसी इलाके पर फॉकस किए हुए है.