उदयपुर: जिले के खेरवाड़ा को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन फिर से रफ्तार पकड़ने लगा है. कस्बे को जिला घोषित करने की मांग को लेकर खेरवाड़ा विकास मंच के बैनर तले लोगों ने रैली निकाल उपखंड कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.  इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर खेरवाड़ा को शीघ्र ही जिला बनाने की मांग की. खेरवाड़ा विकास मंच के संयोजक नरेंद्र पंचोली ने बताया की खेरवाड़ा में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, मेवाड़ भील कोर, उप खंड कार्यालय, पंचायत समिति सहित सभी आवश्यक कार्यालय मौजूद है.


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 भौगोलिक आर्थिक एवं प्रशासनिक दृष्टि से भी जिला बनने के लिए तैयार


ब्रिटिशकाल में 1930 से लेकर आजादी के बाद 1951 तक खेरवाड़ा जिला हेडक्वार्टर था. आदिवासी बाहुल्य झाड़ोल, फलासिया, कोटड़ा, सराडा और ऋषभदेव समेत पूरे क्षेत्र का प्रशासन एवं कानून व्यवस्था खेरवाड़ा से ही संचालित होती थी. खेरवाड़ा आवागमन की दृष्टि से भी नेशनल हाईवे 48 और 927 ए से जुड़ा हुआ है. भौगोलिक आर्थिक एवं प्रशासनिक दृष्टि से भी खेरवाड़ा सभी मापदंडों एवं तथ्यों पर खरा उतरता है.


खेरवाड़ा को जनजाति जिला बनाने की मांग


व्यापार महासंघ अध्यक्ष अमित कलाल पूर्व अध्यक्ष पारस जैन ने बताया कि उदयपुर बड़ा जिला होने और ऐतिहासिक शहर होने से अतिविशिष्ट लोगों के आने जाने से समस्त प्रशासन उनके प्रोटोकाल में लगा रहता हैं. जिससे संपूर्ण जिले में दूरदराज इलाकों में अधिकारियों की पहुंच नहीं हो पाती है. यदि प्रस्तावित क्षेत्र को मिलाकर खेरवाड़ा को जनजाति जिला बनाया जाता हैं तो प्रशासन अधिक मुस्तैदी से जनजाति क्षेत्र का विकास कर सकेगा.


Reporter- Avinash Jagnawat


ज्ञापन देने वालों में खेरवाड़ा विकास मंच के संयोजक नरेंद्र पंचोली व्यापार महासंघ अध्यक्ष अमित कलाल पूर्व अध्यक्ष पारस जैन प्रधान राधेश्याम गर्ग सरपंच लक्ष्मीदेवी उपसरपंच विक्रांतकोठारी भारत विकास परिषद के शंकर पंचाल गजेंद्र कोठारी दिनेश जैन तिलकेश जोशी दिनेशव्यास लोकेश बसेर नरेश अग्रवाल धरनेंद जैन शिव जोशी नरेंद्र नागदा सहित सैकड़ों गणमान्य व्यापारी एवं नागरिक उपस्थित थे.