Unique Business Ideas : कोरोना काल को देश ही नहीं दूनिया को सबसे बडी आपदा के रूप में याद किया जाता है. इस आपदा ने कई लोगों को ऐसे दंश दिए है जिन्हे जीवनभर भूलाना नामूमकिन है. लेकिन आपदा के इस दौर को कई लोगों ने अवसर के रूप में लिया जो आज एक मिसाल के रूप में देखे जाते है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया उदयपुर के भूवाणा बाई पास के समीप रहने वाले दसवीं कक्षा के छात्र दिग्विजय सिंह ने. जिन्होंने इतनी कम उम्र में स्टार्टअप शुरू किया जो अब करीब एक दर्जन लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा रहा है.


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उदयपुर के दसवीं कक्षा के छात्र दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर आप के हौसलों में दम हो तो कैसे आपदा को अवसर के रूप में बदला जा सकता है. जी हा हम बात कर रहे है आपदा के उस दौर की जब कोरोना महामारी ने सभी को खौफजदा कर रखा था. लेकिन आपदा के इस दौर में दिग्विजय ने अपने हौसलों को उडान देने के ठान ली. उन्होंने कोरोना काल में अपना चॉकलेट बनाने का एक स्टार्टअप शुरू किया. दिग्विजय ने साराम नाम से खुद का चॉकलेट ब्रांड तैयार किया. तीन साल की कडी मेहनत के बाद वे आज हर साल 1.20 करोड़ का बिजनेस कर रहे हैं. दिग्विजय ने बताया कि शुरू से ही उन्हें कुछ नया करने की लगन रहती है. कोरोना काल में जब स्कूल पूरी तरह से बंद थे, तो उन्होंने यूट्यूब पर चॉकलेट बनाने की रेसिपी को सिखा.


साथ ही चॉकलेट को किस तरह से ओर अच्छा बनाया जा सकता है उसके लिए सर्च करना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने अपने ही घर के बेसमेंट में 20 हजार ​रूपय का इंवेस्ट कर चॉकलेट बनाने का काम शुरू किया. इसके लिए उन्होंने एक महिला सहीत तीन अन्य लोगों को अपने साथ जोडा. जिन्हें पहले टेनिंग दे कर चॉकलेट बनाना सिखाया. शुरूवात में उन्होंने करीब 10 किलो चॉकलेट तैयार की. कोरोना का दौर थमने के साथ ही उन्होंने अपने व्यवसाय को बढाना शुरू कर दिया. चॉकलेट की डिमांड आने के साथ ही उन्होंने अपना प्रोडक्शन बढाना शुरू कर दिया. तीन साल की मेहनत के बाद दिग्विजय करीब हर माह दस लाख रूपये की चॉकलेट का कारोबार कर रहे हैं और प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से एक दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर भी उपलब्ध करवा रहे है. दिग्विजय की चॉकलेट शहर की सप्लाई शहर के कई सितारा होटल्स, शो रूप, कॉटपोरेट हॉउस में होती है. जल्द ही उनके चॉकलेट देश के 20 से अधिक एयरपोर्ट के 32 स्टॉर्स पर भी बिकने लगेगी.


दिग्विजय अपने ब्रांड के लिए तीन तरह की चॉकलेट तैयार करते है. जिसमें डार्क चॉकलेट, व्हाइट चॉकलेट, मिल्क चॉकलेट शामिल हैं. इन तीनों ही चॉकलेट में ऑरेंज, इलाइची, केसर, बादाम, हैजल नट्स जैसी वैरायटी भी उपलब्ध हैं. दिग्विजय पिछले दो साल में 2 टन चॉकलेट तैयार कर बेच चुके हैं. चॉकलेट की क्वालिटि को बेहतर बनाने के लिए सिधे खेतों से ही बीन्स मंगवाए जाते है. चॉकलेट के एक स्टॉट को तैयार करने की करीब पांच से छ दिन का समय लगता है. दिग्विजय का सपना है कि वे अपने इस ब्रांड को ओर उचाईयों पर लेकर जाए.


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