Rajsamand: राहें कीचड़ से सरोबार, खेती भी हुई बरबाद, अस्पताल का गंदा पानी बना परेशानी
कालीवास के फोरलेन बाईपास पर अनंता अस्पताल बना हुआ है जिसके गंदे पानी के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है और अस्पताल के शौचालयों और गंदे पानी को तंतेला की तरफ जाने वाली कच्ची सड़क पर छोड़ दिया है, जिससे वो गंदला पानी कच्ची सड़क पर कीचड़ बनकर पसर गया है.
Rajsamand: राजस्थान के राजसमंद (Rajsamand News) जिले के विधानसभा देलवाड़ा गांव में बिन बरसात के ही बरसात की तरह कच्ची राहों पर रेंगता गंदा पानी और रबी जलमग्न होते हुए नजर आ रही है. बारिश के मौसम की तरह कच्ची राहों पर रेंगता पानी और जल प्लावन होते खेतों से राहगीरों का गुजरना मुश्किल हो रहा है.
कालीवास के फोरलेन बाईपास पर अनंता अस्पताल बना हुआ है जिसके गंदे पानी के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है और अस्पताल के शौचालयों और गंदे पानी को तंतेला की तरफ जाने वाली कच्ची सड़क पर छोड़ दिया है, जिससे वो गंदला पानी कच्ची सड़क पर कीचड़ बनकर पसर गया है.
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साथ हीं, कच्ची राहों को कीचड़ में तब्दील कर खेतों में समा रहा है, जिससे खेतों में खड़ी फसल बरबाद हो रही है. तंतेला की तरफ आने वाली कच्ची राह करीब आधा किलोमीटर तक कीचड़ में तब्दील हो गई है, जिससे इस राह पर चलने वाले पैदल राहगीरों का गुजरना मुश्किल हो रहा है. वहीं दुपहिया वाहन धारी हादसे का शिकार हो रहे हैं.
पानी के सड़क पर बहने के बाद खेतों में समा जाने से फसले भी खराब हो रही हैं. वहीं, शौचालयों और केमीकल अपशिष्ट मिला होने से खेतों की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है. पेयजल की बावड़ियों और कुंओ में समाने से भूजल भी प्रदूषित हो रहा है. उक्त गंदा पानी एक एनिकट के पानी में मिल जाने से एनीकेट का पानी भी प्रदूषित हो रहा है, जिससे मवेशी भी बीमार पड़ रहे हैं. तंतेला के ग्रामीणों ने कई मर्तबा निजी अस्पताल प्रबंधन से उक्त गंदे पानी का अस्पताल परिसर में ही निस्तारण करने के लिए लिखित में दिया और सरकारी अधिकारियों के भी संज्ञान में लाया गया लेकिन अभी तक इस दिशा में किसी ने कदम नहीं उठाया है.
उक्त मार्ग पर देवरिया खेत आदिवासी बस्ती के लोगों को एक मात्र मार्ग होने से दिन में बीस बार गुजरना पड़ता है. स्कूल जाने वाले आदिवासी बच्चों के लिए इस कीचड़ से गुजरना नियति बन गई है लेकिन उनका दुखड़ा सुनने वाला कोई नहीं है. अस्पताल प्रबंधन अपने रसूख के कारण किसानों और ग्रामीणों की रोजी-रोटी से खेलते हुए उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है और प्रशासन मूक दर्शक बन गया है.
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अस्पताल प्रबंधन खेतों और रास्ते में अपशिष्ट पानी पहुंचाकर लोगों की आजीविका और सेहत से खिलवाड़ तो कर ही रहा है. उनके आवागमन के मार्ग में रोड़े बिछाने के अलावा बरसों पुराने रियासत कालीन मार्ग पर भी कुंडली जमा दी है.
रास्ते पर अस्पताल प्रबंधन ने इमारतें खड़ी कर दी है और आवाजाही बंद करने के लिए तंतेला की तरफ से आने वाले मार्ग पर दीवार चुन कर अवरूद्ध कर दिया है. उक्त रास्ते पर कब्जा करने पर ग्रामीणों ने कई मर्तबा प्रशासन से शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन अस्पताल प्रबंधन अपने रसूख के चलते हर बार फाईलों को दबा देता है. तंतेला के कालूलाल, खेमराज पूर्व सरपंच सवा गमेती आदि ने बताया कि सरकार ग्रामीणों की समस्या पर शीघ्र ध्यान नहीं देगी और अस्पताल प्रबंधन को पाबंद नहीं करेगी तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता पकड़ना पड़ेगा.
रिपोर्टर- धीरज रावल