Pratapgarh: शहर के बीच से गुजर रहे नेशनल हाइवे 56 पर नीमच नाका चौराहे पर दो सांड जम कर लड़ पड़े. दोनों सांडों की लड़ाई के कारण दो दुकानदारों और राहगीरों को भी नुकसान और परेशानी का सामना करना पड़ा. कुछ वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. वहीं तो गनीमत रही कि कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ. मौजूदा लोगों ने शहर में घूम रहे आवारा मवेशियों को लेकर नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. दरअसल, नगर परिषद क्षेत्र में आवारा मवेशियों की समस्या खत्म नहीं हुई है. कुछ माह पहले शुरू हुआ अभियान भी सुस्त पड़ा हुआ है. 


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नगर परिषद का अमला कलेक्टर की भी नहीं सुन रहा. साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कई बार कलेक्टर के निर्देश के बाद भी सड़क-चौराहों पर यातायाता बाधित कर रहे आवारा मवेशियों की धरपकड़ कर इन्हें गौशाला और जंगल में नहीं छोड़ा जा रहा. इसी वजह से ही आवारा जानवर, जिनमें बैल-सांड और अन्य मवेशी भी शामिल हैं, सड़कों पर ही जमे रहते हैं. इनकी धमाचौकड़ी, लड़ाई से जानमाल तक के नुकसान का खतरा बना रहता है. शहर के मुख्य बाजारों से लेकर कॉलोनी उत्तक में इनका आतंक मचा हुआ है. कई बार आवारा मवेशियों के हमले से आमजन भी घायल हो चुके हैं. 


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नगर परिषद में केवल ठेकेदारों और सभापति और उनके पति द्वारा आरोप-प्रत्यारोप के सिवा शहर विकास और आमजन की सुविधा के लिए किसी भी प्रकार की काम नहीं किए जा रहे हैं. चुनाव से पहले जनसेवक का टेक लगाकर नगर परिषद की कुर्सी पर काबिल हुई सभापति रामकन्या गुर्जर केवल नाम मात्र की सभापती बनकर रह गई है. शहर में नगर परिषद की ओर से मिलने वाली सभी सुविधाओं पर पिछले 1 साल से बैन लगा हुआ है. कुर्सी और सत्ता की चाह में पहले भी सभापति भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुकी है और अब विकास के नाम पर बिना किसी काम की सोशल मीडिया से अपनी वाहवाही लूटने में लगी है. सभापति रामकन्या गुर्जर की जगह उनके पति प्रहलाद गुर्जर ही नगर परिषद का सारा काम संभाल रहे हैं. 


नगर परिषद में भ्रष्टाचार से लेकर ठेकेदारों से अवैध वसूली को लेकर भी कई बार भाजपा पार्षद सभापति और आयुक्त पर आरोप भी लगा चुके हैं. आज शहर के नीमच नाका चौराहे पर दो सांडों की लड़ाई राजनीतिक लड़ाई को भी दर्शा रही है. नीमच नाका चौराहे पर दो आवारा मवेशी रोड पर लड़ते हुए रोड के किनारे बनी दुकान में घुस गए, जिसमें लड़ते हुए दोनों दुकानों के बाहर खड़े वाहनों को भी उन्होंने नुकसान पंहुचाया. सांड इस कदर लड़ रहे थे कि व्यापारियों के पानी फेंकने और डंडे से भगाने के बाद भी नहीं हट रहे थे. आवारा मवेशियों के कारण लोगों का रास्ते पर चलना दूभर हो रहा है. सड़क-चौराहों पर घूमकर धमाचौकड़ी मचाने वाले आवारा मवेशियों पर प्रशासन नियंत्रण नहीं लगा पा रहा हैं.


Reporter- Vivek Upadhyay