उदयपुर न्यूज: उदयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में तीन दिन पूर्व हुए युवक वीरेंद्र सिंह के ब्लाइंड मर्डर काप्रताप नगर थाना पुलिस ने खुलासा कर दिया. पुलिस ने हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 


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पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक कार भी बारामद की है. वहीं हत्या के बाद कार को छिपाने में आरोपियों का सहयोग करने वाले एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है.



मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने बताया कि 7 अगस्त को रात करीब 12:00 बजे वीरेंद्र सिंह ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक दुकान के बाहर खड़ा था. इसी दौरान  कार में सवार होकर विनोद लोहार, दुर्गाशंकर, लोकेंद्र और गोपाल सोनी वहां पहुंचे.


मामूली से बात पर हुआ झगड़ा


दुर्गाशंकर दुकान से सिगरेट लेने के लिए गाड़ी से नीचे उतरा. दुकान से सिगरेट खरीदी बाद उसने पैसे देने के लिए अपने मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन किया. तभी वीरेंद्र ने उसे टोकते हुए कहा कि मेरा वीडियो क्यों बना रहा है, इस बात पर दोनों के बीच झगड़ा हो गया. इस पर दुर्गा शंकर के साथी विनोद लोकेंद्र और गोपाल भी कार से नीचे उतर गए और वीरेंद्र के साथ मारपीट करने लगे.


इस दौरान वहां एक अन्य कार में मौजूद वीरेंद्र के दो साथी भी कार से बाहर आए और बीच बचाव कर मामले को शांत किया. फिर सभी लोग अपनी-अपनी कार में जाकर बैठ गए, लेकिन वीरेंद्र बाहर ही खड़ा था. कुछ देर बाद दुर्गाशंकर मौका देख कर कार से नीचे उतरा और वीरेंद्र के पीछे चाकू मार दिया और कार में बैठ अपने साथियों के साथ फरार हो गया.


हमले में घायल हुए वीरेंद्र को उसके दोस्तों ने तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया. जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने पर प्रताप नगर थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर के खुलासे के लिए प्रतापनगर थानाधिकारी हिमांशु के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया. पुलिस की आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के साथ हाइवे पर लगे सौ से ज्यादा कैमरों को खंगाला. 


पुलिस ने कार को किया जब्त


आखिर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हुई कार को चिन्हित कर लिया और मालिक विनोद लोहार को हिरासत में लिया. पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने सारा घटनाक्रम पुलिस को बता दिया. इस पर पुलिस ने विनोद की निशानदेही पर उसके अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया. वहीं कार को छिपाने में मदद करने वाले उनके साथी राजू वैष्णव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर कार को जब्त कर लिया. 


पुलिस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस की गिरफ्त में आए गोपाल सोनी, विनोद लोहार और राजू वैष्णव के खिलाफ एक-एक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं.


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