Udaipur: सावन में जहां पूरे प्रदेश में हर हर महादेव के जयकारे गूंज रहे है वही, उदयपुर के झाडोल स्थित चंदेश्वर महादेव मंदिर में  17 साल से  सावन की पूजा नहीं हो रही है. 


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 बांध में पानी भरने के कारण नहीं होती सावन में पूजा
दरअसल, 585 वर्ष पुराने अति प्राचीन शिवालयों में से एक चंद्रेश्वर महादेव का यह मंदिर मानसी वाकल बांध के डूब क्षेत्र में आता है.साल 2006 से लगातार सावन माह में मानसी वाकल बांध में पानी भर जाने से इस मंदिर परिसर में शिवलिंग के ऊपर करीब 6 से 7 फीट तक पानी भरा रहता है. इसी कारण मंदिर परिसर में शिव पूजा करना सावन माह में नामुमकिन हो जाता है. 


न्याय के देवता के रूप में होती है पूजा
आपको बता दे की चंद्रेश्वर महादेव क्षेत्र में न्याय के देवता के रूप में पूजे जाते हैं .इस मंदिर में शिवलिंग को छूकर कोई भी झूठी कसम बरसों से नहीं खाते है . मान्यता है कि यहां पर झूठी कसम खाने वाले को भगवान शिव किसी न किसी रूप में सजा देते हैं .इसी के कारण क्षेत्र के काफी भक्त सावन मास में यहां पहुंचते हैं. 


मंदिर से दूर बनाया है एक घाट
भक्तों की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए पानी के किनारे पुजारी के जरिए घाट बनाया गया है .इसी घाट पर ही शिव पूजा की जाती है. यहां के ग्रामीणों ने प्रतिवर्ष मंदिर डूबने से निराश भक्तों की खुशी के लिए शिव मंदिर से सटी पहाड़ी पर एक भव्य शिव मंदिर व आकर्षक गार्डन बनाकर शिव भक्तों की भावना को ठेस पहुंचने से बचाने का प्रयास भी किया गया है .वही इस नाव प्रतिष्ठित शिव मंदिर की पहाड़ी के तीन और पानी व हरियाली शिव भक्तों को आकर्षित करती है.


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