घर में एक साथ उठी दादा-दादी और पोते की अर्थियां, रोने की चीखों से दहल उठा पूरा वल्लभनगर
वल्लभनगर में चित्तौड़गढ़ जिले के सेटवाना गांव निवासी शम्भुलाल पिता चैनाराम सालवी अपनी पत्नी पार्वती बाई और चार साल के पोते देवराज पिता सुरेश सालवी के साथ मोटरसाइकिल से अपने ससुराल भींडर के निकट लालपुरा गांव आ रहे थे. इस दौरान भींडर से कीर की चौकी रोड पर लालपुरा से महज एक किमी दूरी पर मोड़ में एक अज्ञात वाहन ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे तीनों गंभीर घायल हो गये.
Vallabhanagar: उदयपुर के भींडर-कीर की चौकी रोड पर बुधवार भीषण सडक हादसा हो गया. एक अज्ञात वाहन ने बाइक पर सवार दादा-दादी और पोते को टक्कर मार दी. घटना में घायल हुए तीनों ने दम तोड़ दिया.
दुर्घटना के बाद तीनों घायलों को तुरंत भींडर चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉ. कमलेंद्र सिंह रावत मय टीम ने बच्चे की बंद हो चुकी धड़कनों को चलाने के लिए करीब 15 मिनट तक इलाज किया और सीपीआर देकर एकबार धड़कनें शुरू करके उदयपुर के लिए रेफर किया, लेकिन बीच रास्ते में बच्चें की सांसें थम गई. वहीं दादी को उदयपुर एमबी चिकित्सालय में भर्ती करवाया, जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. दादा को भींडर हॉस्पिटल में ही मृत घोषित कर दिया था. दादा-पोते का भींडर चिकित्सालय में गुरूवार सुबह पोस्टमार्टम होगा तो दादी का उदयपुर में पोस्टमार्टम होगा.
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जानकारी के अनुसार, चित्तौड़गढ़ जिले के सेटवाना गांव निवासी शम्भुलाल पिता चैनाराम सालवी अपनी पत्नी पार्वती बाई और चार साल के पोते देवराज पिता सुरेश सालवी के साथ मोटरसाइकिल से अपने ससुराल भींडर के निकट लालपुरा गांव आ रहे थे. इस दौरान भींडर से कीर की चौकी रोड पर लालपुरा से महज एक किमी दूरी पर मोड़ में एक अज्ञात वाहन ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे तीनों गंभीर घायल हो गये. उस दौरान कीर की चौकी से भींडर आ रहे पार्षद अब्दुल कादिर ने रूक करके तुरन्त घायलों को एंबुलेंस के माध्यम से भींडर हॉस्पिटल भेजा, जहां चिकित्सकों को शम्भुलाल को मृत घोषित कर दिया तो वहीं पार्वती बाई और देवराज का इलाज करके उदयपुर के लिए रेफर किया लेकिन देवराज की भी बीच रास्ते में मौत हो गई. वहीं पार्वती बाई को उदयपुर एमबी चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया, जहां उपचार के दौरान देर शाम को उन्होंने भी दम तोड़ दिया.
डॉ. रावत ने निभाई जिम्मेदारी, बच्चे को लौटाई सांसें, लेकिन नहीं बची जान
दुर्घटना की सूचना मिलने पर भींडर हॉस्पिटल में डॉ. कमलेंद्र सिंह रावत को दुर्घटना के बारे में अवगत करवा दिया और टीम को तैयार रहने को कहा. जिस पर एंबुलेंस पहुंचते ही डॉ. कमलेंद्र सिंह रावत, डॉ. कुणाल चावड़ा मय टीम घायलों के इलाज में जुट गई. घायलों में मासूम देवराज की सांसें बंद हो चुकी थी तो डॉ. कमलेंद्र सिंह रावत ने इलाज करते हुए सीपीआर देकर धड़कनें शुरू करके 108 एंबुलेंस में ऑक्सीजन लगाकर करके तुरन्त उदयपुर के लिए रवाना किया लेकिन बीच रास्ते में देवराज ने दम तोड़ दिया. वहीं पार्वती बाई का प्राथमिक उपचार करके पोते देवराज के साथ ही उदयपुर के लिए रेफर कर था, जिनकी इलाज के दौरान उदयपुर एमबी चिकित्सालय में मौत हो गई.
सिर में गंभीर चोट से नहीं बच सके शम्भुलाल
अज्ञात वाहन की टक्कर से मोटरसाइकिल चला रहे शम्भुलाल के सिर में गंभीर चोट आईं और दांया पैर भी टूटकर मुड़ गया. इनको भींडर चिकित्सालय लेकर आएं तब तक इनकी सांसें टूट चुकी थी. चिकित्सकों की टीम ने जांच करके शम्भुलाल को मृत घोषित कर दिया.
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