Rau IAS Coaching Centre: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया था. हादसे के फौरन बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. कोर्ट में मामला गया तो वहां कई सवाल उठे. अब इस मामले की जांच की कमान सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया है. 


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इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम ने बुधवार को राव आईएएस स्टडी सर्किल की इमारत का दौरा कर उस क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां 27 जुलाई को ये वारदात हुई थी. सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद दिल्ली पुलिस से मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है. 


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अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने तय प्रक्रिया के तहत राऊज आईएएस स्टडी सर्कल के मालिक अभिषेक गुप्ता के खिलाफ दोबारा मामला दर्ज किया है. दिल्ली में 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में स्थित इस कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण सिविल सेवा के तीन आकांक्षियों-उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन की डूबने से मौत हो गई थी. 


सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे ये विद्यार्थी बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे जिसमें पानी भर जाने से उनकी मौत हो गई. सीबीआई ने गुप्ता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से मौत, स्वेच्छा से चोट पहुंचाना, लापरवाही भरा व्यवहार और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी गुप्ता और न्यायिक हिरासत में रखे गए अन्य आरोपियों की हिरासत मांगने के लिए विशेष अदालत का रुख कर सकती है. 


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उच्च न्यायालय ने विद्यार्थियों की मौत पर पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि उसे समझ नहीं आ रहा कि छात्र बेसमेंट से बाहर कैसे नहीं आ सके. अदालत ने यह भी जानना चाहा था कि क्या बेसमेंट के दरवाजे बंद थे या सीढ़ियां संकरी थीं? उच्च न्यायालय ने पूछा था कि आप किस पहलू से जांच कर रहे हैं? अभ्यर्थी कैसे डूबे? वे बेसमेंट से क्यों नहीं निकल पाए? बेसमेंट में अचानक इतना ज्यादा पानी नहीं भरता. इसमें पानी भरने में कम से कम दो-तीन मिनट का समय लगता है, यह एक मिनट में नहीं हो सकता. अभ्यर्थी बाहर क्यों नहीं आ पाए? 


अदालत ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से इस आपराधिक मामले की सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करने को भी कहा था. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.