Rajnedra Nagar Delhi: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग देशभर में चर्चा में है. इसी बीच कोचिंग सेंटर को जो NOC की कॉपी मिली थी, उसमें सिर्फ बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज बनाने की इजाजत मिली थी. फिर बड़ा सवाल है कई उसमें लाइब्रेबी कैसे चल रही थी. यह भी सम्भव है कि वहां क्लास भी चलती होगी. बेसमेंट को स्टॉरेज या गोदाम के तौर पर दिखाया गया था. 9 जुलाई को इसकी NOC  मिली थी. गोदाम की जानकारी देकर एनओसी लेने वाले इस इंस्टिट्यूट के बेसमेंट में लाइब्रेरी चल रही थी.


एक महीने पहले ही शिकायत की गई


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असल में इस खुलासे के बाद कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जलभराव के कारण जान गंवाने वाले तीन छात्रों की मौत के बाद अब मामले में नये खुलासे हो रहे हैं. पता चला है कि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी को लेकर एक महीने पहले ही शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र ने ही चौंकाने वाला खुलासा किया है.


अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी


उसने बताया कि इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी. छात्रों की जिंदगी से कोई खिलवाड़ न हो, इसको लेकर एक महीने पहले 26 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी. लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. अगर पहले ही कोई ठोस कदम उठाया गया होता तो आज तीन छात्रों की मौत नहीं होती.


लापरवाही के कारण दुर्घटना हुई


यह भी सामने आया कि लोक शिकायत निदेशक के माध्यम से इंस्टीट्यूट को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. राजेंद्र नगर में अधिकतर इंस्टीट्यूट में अवैध लाइब्रेरी चल रही है. इन लाइब्रेरी में सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम नहीं किए गए हैं. प्रशासन की लापरवाही के कारण ही शनिवार को यहां दुर्घटना हुई है. प्रशासन को पहले ही एक्शन ले लेना चाहिए था.


 तीनों छात्रों की पहचान हो गई


छात्र ने यह भी कहा कि मामले में सबसे अधिक लापरवाही दिल्ली नगर निगम की है, क्योंकि उसके अधिकारी यहां लोगों से घूस लेते हैं. उधर इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जलभराव के कारण जान गंवाने वाले तीनों छात्रों की पहचान हो गई है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि मृतकों के नाम श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डालविन हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, श्रेया यादव उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की रहने वाली थी. तान्या सोनी तेलंगाना से और नेविन डालविन केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले थे.


छात्रों के प्रदर्शन पर क्या बोले डीसीपी


उधर छात्र इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मामले में डीसीपी सेंट्रल एम हर्षवर्द्धन का कहना है कि हम छात्रों की भावनाओं को समझते हैं.. हमने उन्हें विरोध करने की अनुमति दी और उन्हें आश्वासन भी दिया कि मैं उनकी मांगों को संबंधित एजेंसियों तक पहुंचाऊंगा. हमने उनसे अपना विरोध समाप्त करने का अनुरोध किया लेकिन उनके द्वारा पूसा रोड जाम करने के बाद, हमने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग. हम उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं करना चाहते या उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते क्योंकि इससे उनके करियर पर असर पड़ सकता है.