रमजान में सीजफायर के सवाल पर बोले राजनाथ- `सुरक्षाबल हाथ बांधकर नहीं बैठे है`
राजनाथ सिंह ने एक अन्य सवाल पर कहा कि कश्मीर मसले पर बातचीत से कोई परहेज़ नहीं है. उन्होंने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों में बहुत सा काम किया जा रहा है.
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में रमजान के महीने में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा ऑपरेशन नहीं करने को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'सेना हाथ बांधकर नहीं बैठी है.' यूपी राजधानी लखनऊ में प्रेस से बात करते हुए कश्मीर में रमजान के दौरान 'संघर्ष विराम' घोषित करने के बावजूद होने वाली हिंसा के सवाल पर गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि कश्मीर में 'सीजफायर' नहीं है बल्कि 'सस्पेंशन ऑफ ऑॅपरेशन' (कार्रवाई कुछ समय के लिए रोक देना) है. सेना हाथ बांधकर नहीं बैठी है.
राजनाथ सिंह ने कहा, यह युद्धविराम (सीजफायर) नहीं था, बल्कि रमजान को देखते हुए सेना ने अपने ऑपरेशन को रोक दिया था. लेकिन इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि किसी भी आतंकी गतिविधि के होने पर हम ऑपरेशन दोबारा शुरू करेंगे. हमने अपने सुरक्षाबलों के हाथ नहीं बांध रखे है. हमारे सुरक्षाबलों ने हमला होने पर 5 आतंकियों को मार गिराया है.
राजनाथ सिंह ने एक अन्य सवाल पर कहा कि कश्मीर मसले पर बातचीत से कोई परहेज़ नहीं है. उन्होंने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों में बहुत सा काम किया जा रहा है. अर्द्धसैनिक बलों की लगभग 10 लाख की फोर्स पूरे देश में है. जब कोई जवान शहीद होता था तो उसके परिजनों को 50-55 लाख रुपये दिए जाते थे लेकिन हमने तय किया कि ऐसे मामलों में एक करोड़ रुपये से कम नहीं दिए जाएंगे.
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इसके अलावा केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि डॉलर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने से पेट्रोल-डीजल के दाम चढ़े हैं लेकिन केन्द्र सरकार पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों को कम करने में लगी हुई है. राजनाथ ने यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, 'मैं स्वीकार करता हूं कि कच्चे तेल और डॉलर के रेट बढ़ने से दिक्कतें आई हैं ... पर हमें इससे कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि हमारे पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त स्टॉक है.'
उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (बुनियादी ढांचा विकास) के मामले में एक तथ्य यह है कि यूपीए-2 सरकार के आखिरी चार साल में औसतन 12 किमी हाईवे रोज बनते थे, लेकिन हमारी सरकार के चार साल में प्रतिदिन औसतन 27 किमी राजमार्ग निर्माण का काम हो रहा है. राजनाथ ने कहा कि इस सरकार ने जितना जोर बुनियादी संरचना के विकास पर दिया है, उस हिसाब से 2040 तक अकेले इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में ही चार से पांच हजार अरब डॉलर का निवेश होगा. उन्होंने कहा कि देश के पूर्वोत्तर में दो दशक में उग्रवाद में 85 फीसदी की कमी आई है. सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की मौत के मामले में 96 फीसदी की कमी आई है और नक्सलवाद की घटनाओं में कमी आई है.
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केन्द्र की मोदी सरकार के चार वर्ष की उपलब्धियां गिनाते हुए राजनाथ ने कहा, 'नक्सलवाद 2013 में 76 जिलों से 2018 तक 58 जिलों तक सीमित रह गया है. हमने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) बनाया, जिसकी विदेश में भी तारीफ हुई.' उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि वहां 2010-2013 में 471 आतंकी मारे गए थे जबकि 2014-2017 में 619 आतंकी मारे गए हैं.
राजनाथ ने कहा कि हमारी सरकार के किसी मंत्री के दामन पर भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा. आर्थिक अपराधियों के देश छोड़कर भागने पर किये गये सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस के लोगों से सवाल करता हूं कि क्या आपकी सरकार रहते लोग नहीं भागे. हमने ऐसा कानून बनाया है कि हम विदेशों में भी आर्थिक अपराधी की संपत्ति जब्त करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी हमारी सरकार ने शानदार काम किया है. 2022 आते-आते किसानों की आमदनी दोगुनी होगी. पहली बार भारत के इतिहास में ऐसा हुआ है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 14 लाख करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है.
राजनाथ ने कहा कि भारत में मोबाइल क्रांति का जनक अगर कोई रहा है तो वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हैं. सड़क संपर्क अटल की देन है, जिसे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जैम’ (जेएएम: जन धन योजना, आधार और मोबाइल) के जरिए एक नई व्यवस्था भारत में बनाई है, जिसका भरपूर लाभ भारतवासियों को मिल रहा है.
(इनपुट भाषा से भी)