एशिया में बांग्लादेश की इस धमक को तोड़ पाएगा भारत? राजनीतिक उठापटक से खुला दरवाजा
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एशिया में बांग्लादेश की इस धमक को तोड़ पाएगा भारत? राजनीतिक उठापटक से खुला दरवाजा

Bangladesh Crisis: एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में करीब 3,500 कपड़ा फैक्ट्रियां हैं. इनसे बने कपड़ों की देश के एक्‍सपोर्ट में 85 फीसद हिस्सेदारी है. लेकिन हाल ही में आरक्षण के मुद्दे पर गृहयुद्ध जैसी स्थिति झेल रहे बांग्लादेश के लिए अपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री के एक्सपोर्ट को बरकरार रखना बड़ी चुनौती होगा.

एशिया में बांग्लादेश की इस धमक को तोड़ पाएगा भारत? राजनीतिक उठापटक से खुला दरवाजा

Indian Textile Industry: एशियाई देशों के कपड़ा उद्योग में इस समय जो धमक बांग्लादेश की है, वह शायद किसी देश की नहीं है. बांग्लादेश सालाना 55 बिलियन डॉलर का कपड़ा एक्सपोर्ट करता है. वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत का कपड़ा एक्सपोर्ट 44.4 अरब डॉलर था. इससे साफ है कि विशाल मानव क्षमता, भारी भू-भाग और भारी भरकम जीडीपी वाला देश कपड़ा उद्योग में छोटे से बांग्लादेश से बहुत पीछे है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में करीब 3,500 कपड़ा फैक्ट्रियां हैं. इनसे बने कपड़ों की देश के एक्‍सपोर्ट में 85 फीसद हिस्सेदारी है. लेकिन हाल ही में आरक्षण के मुद्दे पर गृहयुद्ध जैसी स्थिति झेल रहे बांग्लादेश के लिए अपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री के एक्सपोर्ट को बरकरार रखना बड़ी चुनौती होगा.

राजनीतिक उठापटक से बांग्लादेश प्रभावित

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता ने उसकी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को प्रभावित किया है. इससे भारत के लिए एक संभावित लाभ का दरवाजा खुल सकता है. शेख हसीना का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा और हालिया घटनाक्रमों ने देश में अस्थिरता पैदा कर दी है. इससे उद्योग में चिंता का माहौल बना है. बांग्लादेश की जीडीपी में 10 प्रत‍िशत योगदान देने वाली टेक्सटाइल इंडस्ट्री में लगभग 40 लाख लोग कार्यरत हैं. इस क्षेत्र में सस्ती मजदूरी और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बांग्लादेश को एक प्रतिस्पर्धी बाजार बनाते हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में भारत के टेक्सटाइल उद्योग को अवसर मिल सकता है.

भारत का टेक्सटाइल सेक्टर बांग्लादेश की स्थिति का लाभ उठाने के लिए तैयार है, लेकिन इसके समक्ष कुछ चुनौतियां भी हैं. बांग्लादेश की सरकार ने एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन विकसित किए हैं और इसे टैक्स में छूट मिलती है. भारत ने अपने उद्योगों को प्रोटेक्टिव रखने के लिए इम्पोर्ट टैरिफ बढ़ाए हैं. इसकी वजह से भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हुई है. हालांकि, बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता से वैश्विक कंपनियों को नए विकल्प तलाशने होंगे. ऐसे में भारत एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर सकता है, जहां नए अवसर बन सकते हैं.

200-250 मिलियन डॉलर प्रति महीने निर्यात की संभावना

विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में चल रही अस्थिरता के चलते भारतीय गारमेंट निर्माताओं के लिए 200 से 250 मिलियन डॉलर के मासिक निर्यात के अवसर खुल सकते हैं, आगे चलकर यह आंकड़ा 300 से 350 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. इन सब के बीच, पश्चिमी देशों के बाजारों में बांग्लादेश की विशेषज्ञता भारत के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि बांग्‍लादेश की कंपनियों की पहुंच यूरोपीय मार्केट में अधिक है.

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता भारतीय टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक अवसर हो सकता है, बशर्ते कि भारत इस मौके का सही उपयोग कर सके. यदि भारत अपने मैनपावर और टेक्नोलॉजी को सही दिशा में लगाता है, तो उसके ल‍िए अवसर के द्वार खुल सकते हैं.

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