नई दिल्ली: पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कड़ा संदेश दिया है और कहा है कि सेना सीमा पार जाकर कार्रवाई करने के लिए तैयार है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चीन के साथ एलएसी (LAC) पर जारी गतिरोध का बातचीत के बाद भी कोई 'सार्थक समाधान' नहीं निकला है और यथास्थिति बनी हुई है.


जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं: राजनाथ सिंह


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न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना कड़ा संदेश दिया. सीमा पर पाकिस्तान और चीन की मिलीभगत के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हम सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते बनाए रखना चाहते हैं.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो हमें छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं.


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एलएसी पर बनी हुई है यथास्थिति: राजनाथ सिंह


राजनाथ सिंह ने कहा, 'एलएसी (LAC) पर गतिरोध को हल करने के लिए चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता से कोई 'सार्थक समाधान' नहीं निकला है. अब भी यथास्थिति बनी हुई है.' उन्होंने कहा, 'यह सच है कि भारत और चीन के बीच गतिरोध को कम करने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत हो रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. अगर यथास्थिति बनी रहती है, तो यह स्वाभाविक है कि तैनाती को कम नहीं किया जा सकता है. हमारी तैनाती में कोई कमी नहीं होगी और मुझे लगता है कि उनकी तैनाती में भी कमी नहीं आएगी.'


पाकिस्तान-चीन को करारा जवाब


राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, 'चीन ने एलएसी (LAC) पर अपने तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया है, हम भी कर रहे हैं, लेकिन वो किसी देश के खिलाफ नहीं है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान जब से अस्तित्व में आया है, तब से नापाक हरकत करता रहता है. हमने पाकिस्तान को सीमा के साथ-साथ सीमा के उसपर जाकर भी माकूल जवाब भी दिया है.'


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सेना की काबिलियत पर फख्र: राजनाथ सिंह


राजनाथ सिंह ने कहा, 'आजादी के बाद जितनी भी सरकार रही है किसी पर भी सिक्योरिटी के मामले में सवालिया निशान नहीं लगाना चाहता, लेकिन जब से मोदी जी की सरकार रही है, तब से सिक्योरिटी को टॉप प्रायोरिटी दी गई है. सेना के हाथ बांधने का सवाल ही पैदा नहीं होता और हमें सेना की काबिलियन पर फख्र है, ये मैं दिल की गहराइयों से बोल रहा हूं.'


सेना ने सर झुकने नहीं दिया: रक्षा मंत्री


उन्होंने आगे कहा, 'गलवान के बाद हमारे सेना के जवानो का हौसला बुलंद था और आज भी है. जिस शौर्य ,पराक्रम और संयम का परिचय हमारी सेना ने दिया है, वो जितनी तारीफ की जाए वो कम है. दोनों देशो के बीच वार्ता चल रही है, इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, लेकिन में ये दावे के साथ कह सकता हूं कि हमारी सेना ने सर झुकने नहीं दिया है.'


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