नई दिल्ली: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को बुधवार को बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था. लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से उच्च सदन की कार्यवाही बाधित लगातार बाधित होती रही. सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर उसे पारित किया जाता है. लेकिन हंगामे की वजह से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को बुधवार को बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया. 


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बीजेपी सदस्य भूपेन्द्र यादव ने हालांकि छह फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सदन में पेश किया था. किंतु विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के लगातार हंगामे की वजह से इस पर चर्चा हो ही नहीं पाई. 



आज भी सदन में सपा सदस्यों ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मंगलवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दिये जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज और इसमें कुछ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के घायल होने का मुद्दा उठाया. बसपा सदस्यों ने सपा सदस्यों का साथ दिया.


तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार के प्रति विरोध जताते हुए हंगामा किया. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही बाधित हुई. लेकिन बाद में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच इस बात पर सहमति बन गई कि आज, बजट सत्र के अंतिम दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को चर्चा के बिना ही मंजूरी दे दी जाए.


इसके बाद विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने अपने अपने संशोधन वापस ले लिए तथा ध्वनि मत से धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.