Ram Temple Construction In Ayodhya: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ऐलान किया था कि आने वाले साल 2024 में अयोध्या के राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. इसे लेकर तैयारियां जोरों-शोरों पर हैं. आपको बता दें कि अब अयोध्या मंदिर के आसपास का इलाका देख कर आपको बनारस की याद आ जाएगी क्योंकि इसे विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. राम नगरी अयोध्या में इस समय नव निर्माण हो रहा है. राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से यह प्रयास किए जा रहे हैं कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ही अयोध्या के क्षेत्र का विकास हो.


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तेजी से हो रहा विकास


मंदिर के आस-पास क्षेत्र के विकास से मंदिर तक आसान पहुंचना आसान हो जाएगा. इसीलिए, राम मंदिर क्षेत्र का सौंदर्यीकरण काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. राम मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों के नवीनीकरण और चौड़ीकरण का काम तेजी से हो रहा है. राम पथ पर दोनों तरफ करीब 20 मीटर सड़क चौड़ी की जा रही है जिसके लिए लोगों के घर, दुकानें सभी कुछ तोड़े गए हैं और उन्हें मुआवजा दिया गया है. इसके लिए करीब 797.68 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मंजूर किया गया है जिसमें सड़कों को चौड़ीकरण, नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण का काम शामिल है.


काशी विश्वनाथ की तर्ज पर अयोध्या धाम


नवीनीकरण के इस प्रोजेक्ट में शहादत गंज से नए घाट तक करीब 12 किलोमीटर की मुख्य सड़क भी है जिसके दोनों तरफ बने हुए मकानों को बिल्कुल नया रूप देना और कॉरीडोर का हिस्सा बनाना है. अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि जब से सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया है तब से लोगों की धारणा अयोध्या को लेकर काफी बदल गई है. केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में ही योगी सरकार के मन में भी अयोध्या को लेकर एक अलग दृष्टि है और वह योजनाओं में नजर आती है.


ग्लोबल लेवल का काम


मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि राम मंदिर बनना अयोध्या का एक चरण है, लेकिन अयोध्या पूरे विश्व में संस्कृति और धर्म की सबसे बड़ी धरोहर बनके सामने आए ये ही लक्ष्य है. अयोध्या की पहचान आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर हो, ऐसा लक्ष्य केंद्र और राज्य और लोगों का भी है. उन्होंने बताया है कि राम पथ पर सड़क चौड़ीकरण का काम हो रहा है. 10 मीटर एक तरफ और 10 मीटर दूसरी तरफ. 


इंफ्रास्ट्रक्चर पर है जोर


मेयर ने बताया कि व्यापार में अभी भी बहुत फर्क दिखता है जिस तरह से यहां पर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का आवागमन है उससे यहां का व्यवसाय बढ़ा है. जब यह इंफ्रास्ट्रक्चर बन जाएगा तो यहां पर तमाम अवसर व्यापारियों के लिए ही तो होंगे. अयोध्या नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर विशाल सिंह ने भी इस बारे में मीडिया को बताया कि अयोध्या विजन 2047 में अयोध्या के विकास के साथ-साथ अयोध्या आर्ट का भी एक विजन है. उसके तहत जितने भी पुराने फसाड हैं, मठ मंदिर हैं, प्रमुख सड़कें हैं, उनको भी अपग्रेड किया जा रहा है और फसाड इंप्रूवमेंट पर काम किया जा रहा है.


नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर ने दी जानकरी


पूरे अयोध्या का एक फसाड का मॉडल बना कर बोर्ड के द्वारा अडॉप्ट किया गया है ताकि जो नवनिर्माण हो वह इसी के मुताबिक हो. उनके लिए फसाद गाइडलाइंस लागू रहेंगे उनका एक कलर कॉन्बिनेशन रहेगा. उस गाइडलाइंस के मुताबिक अगर बिल्डिंग कमर्शियल है तो उसमें क्या रंग रहेगा उसको भी बताया गया है. क्या डिजाइन होगा यह भी बताया गया है? अगर रेसिडेंसियल है तो क्या चीजें रहेंगी, यह सब बताया गया है. सुंदर शहर के रूप में अयोध्या को विकसित किया जा रहा है. पेंट माय सिटी आयोजन शुरू हो चुका है जिसके तहत अलग-अलग जगहों पर कई तरीके के चित्रकारियों को दीवारों, घरों पर रामकथा से जुड़ी हुई चीजें बनाई जाएंगी.


(इनपुट: एजेंसी)