रेप और दो हत्याओं के मामलों में उम्र कैद की सजा काट रहे राम रहीम पर एक बार फिर हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने मेहरबानी दिखाई है. सरकार ने राम रहीम को एक बार फिर पेरोल दे दिया है. इस बार उसे 30 दिनों के लिए पेरोल मिली है. इससे पहले जनवरी महीने में भी उसे पेरोल दी गई थी. उस दौरान वो 40 दिनों के लिए जेल से पेरोल पर बाहर आया था. 


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हर बार की तरह इस बार भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सिरसा डेरे में जाने की इजाजत नहीं है. राम रहीम वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. उसे अपनी दो साध्वियों के साथ रेप और दो हत्या के मामलों में दोषी पाया गया था जिसके बाद कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी.


हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब राम रहीम पर सरकार मेहरबान हुआ है. बल्कि इससे पहले भी वो कई बार पेरोल पर जेल से बाहर आ चुका है. राम रहीम को 30 महीने में 7वीं बार परोल मिली है. हत्या और रेप के मामले में दोषी पाए जाने के बावजूद सरकार ने राम रहीम के बारे में कहा था कि वो कोई हार्डकोर क्रिमिनल नहीं है.


डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की पेरोल के खिलाफ मार्च 2023 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका में उसे हार्ड कोर क्रिमिनल बताया गया था. इस पर जवाब दाखिल करते हुए राज्य सरकार ने कहा था कि राम रहीम हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं हैं.


सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब देते हुए कहा था कि हत्या के जिन दो अलग-अलग मामलों को राम रहीम को सजा मिली है उन्हें सीरियल किलिंग नहीं कहा जा सकता. गुरमीत हमलावर नहीं था और उसने दोनों मामलों में वास्तविक हत्याओं को अंजाम नहीं दिया था.