Maharashtra में ‘वसूली’ वाली सरकार बोले बीजेपी नेता Ravi Shankar Prasad
Ravi Shankar Prasad On Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र सरकार को सबसे भ्रमित सरकार करार देते हुए प्रसाद ने कहा, `वहां सहयोगी दलों को ही नहीं मालूम कि राज्य में हो क्या रहा है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में बने रहने का हक खो दिया है क्योंकि यह ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ सरकार है.`
नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी सियासी घमासान के बीच बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महाविकास अघाड़ी सरकार पर लगे आरोपों को लेकर निशाना साधा. रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'खेला महाराष्ट्र में भी हो रहा है. वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस भी ऐसी की जाती है जिसमें पुलिस अधिकारी बिना पत्रकारों के सवाल लिए ही उठ जाते हैं. इसलिए समझा जा सकता है कि महाराष्ट्र में जो हो रहा है वो विकास नहीं वसूली है.'
महाराष्ट्र में ‘वसूली’ वाली सरकार: प्रसाद
महाराष्ट्र सरकार को सबसे भ्रमित सरकार करार देते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार के सहयोगी दलों को ही नहीं मालूम कि राज्य में हो क्या रहा है. उन्होंने कहा, 'उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में बने रहने का हक खो दिया है क्योंकि यह ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ सरकार है.'
रविशंकर प्रसाद ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो हो रहा है वो विकास नहीं है, वसूली है. क्योंकि महाराष्ट्र में महा-लूट अघाड़ी के साथ, महा-वसूली अघाड़ी भी है. भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जब किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा हो कि राज्य के गृह मंत्री ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है. जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा?
ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का खुलासा
प्रसाद ने ये भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी. वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े IPS ऑफिसर्स की भी.
देशमुख को गलत तरीके से डिफेंड कर रहे पवार: प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पहले सस्पेंड चल रहे वझे को कोरोना काल में बहाल किया गया उसके बाद उन्हें ही 100 करोड़ वसूली का टार्गेट दिया जाता है. शरद पवार गलत तरीके से अनिल देशमुख को डिफेंड कर रहे हैं. एक उद्योगपति के घर के सामने जो गाड़ी मिली है, उसकी एनआईए जांच कर रही है, उस गाड़ी का तथाकथित मालिक मृत पाया जाता है, तो उसकी जांच को क्यों रोका जा रहा है?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सियासी खुलासे पर बीजेपी लगातार महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल दलों पर हमलावर है. पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत कई बीजेपी नेता अनिल देशमुख का इस्तीफा मांग चुके हैं.
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