Reasi Terror Attack: रियासी में शिवखोड़ी से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमले और उसमें 9 यात्रियों की मौत के बाद पूरे देश में उबाल है. आतंकियों को ठिकाने लगाने के लिए रियासी समेत आसपास के इलाके में जबरदस्त अभियान चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक यह बर्बर आतंकी हमला सीमा पार से आए पाकिस्तानी आतंकियों ने किया था. पिछले कुछ वर्षों से पुंछ राजौरी बेल्ट में आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चिंता का विषय रही है. माना जा रहा है कि इलाके में पिछले कुछ अरसे में हुए सभी बड़े आतंकी हमलों के पीछे अबू हमजा समेत तीन मोस्ट वांटेड आतंकवादियों का हाथ रहा है. 


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आतंक का गढ़ बनता राजौरी- पुंछ एरिया


डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक जम्मू क्षेत्र का राजौरी पुंछ बेल्ट पिछले कुछ महीनों में आतंकवादियों का गढ़ बन गया है. पूरे केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय अधिकांश आतंकवादी विदेशी हैं, जो पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं. हाल के दिनों में इस क्षेत्र में कई आतंकी हमले हुए हैं. उनमें से अधिकांश को क्षेत्र में सक्रिय इन्हीं विदेशी आतंकवादियों ने अंजाम दिया है, जिनमें से अधिकांश लश्कर तैयबा और जैश ए मुहम्मद आतंकी संगठनों से जुड़े हैं. 


जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में राजौरी पूंछ बेल्ट में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों की तीन तस्वीरें जारी की हैं. तीनों आतंकवादी पाकिस्तान मूल के हैं और लश्कर आतंकी संगठन से जुड़े हैं. पहला आतंकवादी लश्कर का शीर्ष कमांडर है जिसकी पहचान अबू हमजा के रूप में हुई है. दूसरे आतंकवादी की पहचान फौजी के रूप में हुई है, जो पूर्व पाकिस्तानी सेना कमांडो बताया जा रहा है और तीसरे आतंकवादी की पहचान आदुन के रूप में हुई है, वह भी पिछले एक साल से बेल्ट में सक्रिय एक पाकिस्तानी है. 


बड़े हमलों में अबू हमजा का हाथ!


सुरक्षाबलों में सूत्रों का कहना है कि रियासी आतंकी हमले में भी इसी समूह के शामिल होने की संभावना है, हालांकि उन्होंने आधिकारिक तौर पर इन आतंकवादियों के शामिल होने की पुष्टि नहीं की है. 32 वर्षीय पाकिस्तानी आतंकवादी अबू हमजा पर दस लाख रुपये का इनाम है. वह पिछले दो सालों से राजौरी पूंछ बेल्ट में सक्रिय है. 


सूत्रों का कहना है कि यह आतंकवादियों का एक समूह था जो जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से घुसपैठ कर रहा था. अबू हमजा हाल के दिनों में क्षेत्र में कई हमलों के लिए जिम्मेदार है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा था कि यह अबू हमजा था, जो 4 मई को भारतीय वायु सेना के काफिले पर हमले के लिए जिम्मेदार था. वह 22 अप्रैल को राजौरी में मोहम्मद रजाक नामक एक सरकारी कर्मचारी की हत्या में मुख्य हमलावर था. 


घुसपैठ से पहले आतंकियों को सघन ट्रेनिंग


सुरक्षाबलों के सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर भेजे जाने से पहले अबू हमजा को पाकिस्तानी सेना द्वारा एक शिविर में प्रशिक्षित किया गया था. उसने फौजी नामक एक अन्य आतंकवादी के साथ घुसपैठ की थी, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो है. पूरा समूह एक साथ घुसपैठ कर रहा है और सक्रिय रूप से क्षेत्र में हमले कर रहा है.


सुरक्षाबल क्षेत्र में इन आतंकवादियों की तलाश में लगे हुए हैं. हालांकि इलाके की दुर्गम परिस्थिति उनके लिए बड़ी रुकावट बनी हुई है. असल में यह पूरा क्षेत्र घने जंगल वाला है और घात लगाकर किए गए हमलों के बाद आतंकवादियों को छिपने का मौका देता है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी आरआर स्वैन ने हाल ही में कहा कि जम्मू-कश्मीर में 70-80 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं. प्रदेश में अब आतंकवाद का फोकस स्थानीय से विदेशी आतंकवादियों की ओर हो गया है.


भारतीय सुरक्षाबलों के निशाने पर विदेशी आतंकी 


विदेशी आतंकवादियों की बढ़ती संख्या सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इन आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर भेजे जाने से पहले पाकिस्तान के आतंकी शिविरों में अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है. ज्यादातर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में छिपने का ठिकाना बनाते हैं. इस क्षेत्र को सुरक्षाबलों ने अभियान चलाकर पांच साल पहले आतंक मुक्त कर दिया था. हालांकि अब दोबारा से आतंकी इस क्षेत्र में सक्रिय हो गए गए हैं. जिसके बाद उनकी तलाश की जा रही है.