श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कम से कम 21 विधायक से पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मिल कर उनके प्रति अपना समर्थन प्रकट कर चुके हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार शनिवार को महबूबा के दिल्ली से लौटने के शीघ्र बाद ये विधायक उनसे मिलने लगे. अबतक कम से कम 21 विधायक महबूबा मुफ्ती से मिल कर उनके नेतृत्व के प्रति अपना समर्थन प्रकट कर चुके हैं. पिछले हफ्ते विधायकों समेत कई पार्टी नेताओं ने उनके विरुद्ध बगावत का झंडा उठाया था. 


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सूत्रों ने बताया कि उनमें एक नाराज विधायक भी थे और उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास चल रहा है. वैसे सूत्रों ने संबंधित विधायक का नाम नहीं बताया. जानकारी के मुताबिक, अन्य विधायकों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि उनमें से ज्यादातर शहर से बाहर हैं. 


वैसे पूर्व मंत्री इमरान अंसारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व के विषय पर अपने रुख से पीछे हटने का सवाल नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम किसी रियायत या निजी लाभ के लिए सामने नहीं आये हैं. हमारा लक्ष्य नेतृत्व की समस्या का समाधान करना है.’ 


अंसारी शहर से बाहर हैं और वह महबूबा मुफ्ती पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगा चुके हैं. अंसारी ने महबूबा पर आरोप लगाए थे कि पीडीपी केवल महबूबा मुफ्ती के परिवार की पार्टी बनकर रह गई है. महबूबा ने न केवल एक पार्टी के रूप में पीडीपी को फेल किया, बल्कि अपने पिता व पार्टी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद के सपनों को भी चकनाचूर किया है.


पूर्व मंत्री ने खोला महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा, भाई-भतीजावाद का लगाया आरोप


पिछले महीने जम्मू और कश्मीर में बीजेपी की गठबंधन सरकार से हाथ पीछे खींचने और राज्य में राज्यपाल शासन लगाये जाने के बाद पार्टी नेतृत्व कम से कम पांच विधायकों और एक विधानपरिषद सदस्य की बगावत से जूझ रहा है. महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व पर सबसे पहले विधायक आबिद अंसारी ने सवाल खड़ा किया था. उसके बाद उनके साथ उनके भतीजे और पूर्व मंत्री इमरान अंसारी, विधायक अब्बास वानी, अब्दुल माजिद पद्दार, जाविद बेग और विधानपरिषद सदस्य यासिर रेशी हो गए. 


पीडीपी के 28 विधायक हैं, जिनमें से कई विधायक खुलकर बगावती हो गए हैं. बगावती विधायकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. इन विधायकों ने पीडीपी अध्यक्ष पर उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान भाई-भतीजवाद करने और अक्षमता का परिचय देने का आरोप लगाया.