Bihar News: बिहार में बाढ़ के बाद की स्थिति गंभीर बनी हुई है. प्रदेश के 34 जिलों में अब तक औसत से कम बारिश हुई है. सबसे कम बारिश सारण जिले में दर्ज की गई है, जहां 56% कम बारिश हुई है. इसी तरह मधुबनी जिले में भी 52% कम बारिश हुई है. बारिश की कमी और तेज धूप के कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है.
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पटना: बिहार में इस समय मानसून कमजोर पड़ गया है, लेकिन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. गंगा समेत अन्य नदियों के उफान से भागलपुर, मुंगेर और बेगूसराय जैसे जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. बेगूसराय के ग्रामीण इलाकों में चारों ओर पानी भर गया है और अब शहरी क्षेत्रों में भी गंगा का पानी फैलने लगा है. पटना के NH-31 पर भी गंगा का पानी आ चुका है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं.
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो दिनों तक बिहार के किसी भी जिले में बारिश की संभावना नहीं है. हालांकि, 24 और 25 सितंबर को कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है. अब तक बिहार में इस मानसून सीजन में 27% कम बारिश हुई है, जिससे सूखे जैसे हालात बने हुए हैं. राज्य के 34 जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है, जिसमें सारण जिले में सबसे कम 56% कम बारिश हुई है और मधुबनी में 52% की कमी देखी गई है. बारिश की कमी और तेज धूप के कारण लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ रहा है.
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार राज्य में अधिकतम तापमान 35-38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26-28 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हो रहा है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार दूसरे दिन गंगा के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण किया. उन्होंने जेपी गंगा पथ से कंगन घाट, गांधी घाट और कृष्णा घाट का दौरा किया और वहां की स्थिति की जानकारी ली. सीएम ने पटना के डीएम को निर्देश दिया कि गंगा के किनारे वाले इलाकों में अलर्ट रहें और हर तरह की तैयारी पूरी रखें. निरीक्षण के दौरान नीतीश कुमार गांधी सेतु होते हुए हाजीपुर भी पहुंचे, जहां उन्होंने बाढ़ राहत शिविरों का जायजा लिया.
इसके अलावा सीएम ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत की और व्यवस्थाओं की जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह सतर्क रहे और लगातार स्थिति की निगरानी करता रहे, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके.
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