नई दिल्ली: राज्य सभा (Rajya Sabha) में हुए हंगामे पर सरकार का रुख सख्त है. राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कल ही कहा था कि जांच के बाद उचित कार्रवाई होनी चाहिए. अब इस मामले में जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसके मुताबिक जैसे ही संशोधन बिल पेश किया गया, विपक्ष के सासंद सदन के WELL में आ गए और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने लगे. इससे पहले सदन की कार्यवाही सामान्य तरीके से चल रही थी. हंगामे को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की गई उसमें कहा गया है कि हंगामा कर रहे सदस्यों ने टेबल पर चढ़ने की कोशिश की और पेपर फाड़े. 


जब एक्स्ट्रा सिक्योरिटी बुलानी पड़ी


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हंगामा बढ़ा तो सुरक्षा अधिकारियों ने अपनी जगह पर तैनात होकर आगे किसी भी नुकसान को रोकने की कोशिश की तो सांसदों ने कागज़ फाड़े और सभापति की तरफ फेंकने लगे. सुरक्षा को देखते हुए अतिरिक्त सिक्योरिटी बुलाई गई. सुरक्षा घेरा तोड़ने में विफल रहने के बाद, विपक्ष के सासंदों ने मार्शल के साथ धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक महिला मार्शल को एक सांसद ने बुरी तरह से घसीटा, जिसके बाद महिला मार्शल को कई चोटें आईं.


मार्शल का गला पकड़ा


एक सांसद ने तो सुरक्षा घेरा तोड़ने के चक्कर में एक मेल मार्शल के गले को पकड़ लिया जिससे मार्शल का दम घुटने लगा. इस दौरना किसी भी मार्शल ने किसी भी सांसद के साथ बदसलूकी नहीं की. 6 बजकर 4 मिनट पर डोला सेन और शांता छेत्री  हाउस के वेल में पहुंच गए. 6 बजकर 8 मिनट पर फूलो देवी नीतम द्वारा कागज फाड़े गए और SG की तरफ हाउस की चेयर पर फेंके गए. 8 बजकर 9 मिनट पर छाया वर्मा ने भी कागज फाड़े.


नायडू, बिरला ने जताई चिंता 


उपराष्ट्रपति और राज्यस भा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को हाल में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र में कुछ सांसदों के व्यवहार पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. मॉनसून सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के एक दिन बाद बिरला ने नायडू से मुलाकात की और दोनों ने सत्र के दौरान ‘संसद में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम’ की समीक्षा की.


'सहा नहीं जाना चाहिए ऐसा व्यवहार'
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि दोनों ने कुछ सांसदों के कामकाज में बाधा डालने वाले बर्ताव पर गहन चिंता प्रकट की. इसमें कहा गया, ‘उनका पुरजोर मानना है कि ऐसे अशांतिपूर्ण व्यवहार को सहा नहीं जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.’ नायडू ने सदन में अप्रिय स्थिति बनने पर बुधवार को रुंधे गले से विपक्ष के कुछ सदस्यों के व्यवहार की तुलना लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किये जाने से की थी.


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संसदीय कार्य मंत्री भी मिले नायडू से
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्य सभा में नेता सदन पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां नायडू से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. उन्होंने कुछ सदस्यों के खराब व्यवहार के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


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