बीजेपी के खिलाफ लालू का शंखनाद, RJD समर्थकों से पटा गांधी मैदान
पटनाः भाजपा के विरुद्ध विपक्षी एकता का प्रदर्शन करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नेताओं ने रविवार को यहां लालू प्रसाद की महारैली में मंच साझा किया. राजद प्रमुख लालू प्रसाद पहले ही कह चुके हैं कि ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली 2019 के लोकसभाचुनाव में भाजपा नीत राजग के पतन का सूत्रधार होगी. रैली में जदयू के बागी शरद यादव का मंच पर प्रसाद ने गले लगाकर स्वागत किया. वह पार्टी के आदेश का उल्लंघन कर रैली में शामिल हो रहे हैं, उन पर निष्कासन की तलवार लटक रही है. उनके साथ जदयू के राज्यसभा सदस्य अली अनवर भी थे. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने रैली का शंखनाद किया है.
लालू यादव की रैली में पटना का गांधी मैदान आरजेडी समर्थकों से पटा दिखा. हर तरफ भीड़ नजर आई.
जदयू नेता के सी त्यागी ने यादव को भेजे पत्र में उन्हें रैली से दूर रहने को कहा था. पत्र के अनुसार ऐसा नहीं करने पर यह माना जाएगा कि उन्होंने अपनी इच्छा से पार्टी छोड़ दी है. राजद प्रमुख और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी का अभिवादन किया और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने उनका चरण स्पर्श किया.
भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी और सचिव डी राजा भी मंच मौजूद थे. ममता बनर्जी ने सीपीआई नेता डी.राजा से हाथ मिलाया.
लालू की रैली में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहुंचे.
झामुमो प्रमुख एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी रैली में पहुंचे थे. राकांपा नेता और सांसद तारिक अनवर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी.प्रसाद, उनकी पत्नी, बेटे तेजस्वी एवं तेज प्रताप यादव, बेटी एवं राज्यसभा सदस्य मीसा भारती मंच पर अगली पंक्ति पर बैठे थे तथा अन्य पार्टियों के नेताओं का पहुंचने पर स्वागत कर रहे थे. रैली में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दिकी, शिवानंद तिवारी समेत शुरुआती वक्ताओं ने महागठबंधन तोड़ने तथा राज्य में भाजपा के साथ मिलकर नयी सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार की आलोचना की.
उन्होंने प्रसाद के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की प्रशंसा की और उन्हें ‘बिहार का भावी नेता’ बताया. अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप मंच पर साथ आए तथा उन्होंने हाथ हिलाकर भीड़ को बड़े राजनीतिक दलों की नयी पीढ़ी के बीच एकता का संकेत दिया. गांधी मैदान में हुई इस रैली के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किया गया. वहां 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)