दुनिया में 5 से 29 साल के लोगों में मौत की सबसे बड़ी वजह पता चली, आंकड़ों से चौंकाने वाला खुलासा
Road Accident report: क्या आप जानते हैं कि दुनिया की 80% सड़कें पैदल चलने वालों के लिए सेफ नहीं हैं. वहीं केवल 0.2% सड़कों पर साइकिल चलाने वालों के लिए लेन हैं. दुनिया के हर 10 में से 9 हादसे गरीब और मिडिल क्लास देशों में होते हैं जबकि दुनिया की कुल गाड़ियों की केवल 1 प्रतिशत गाड़ियां इन देशों में चलती हैं.
Road accident Death toll India: WHO के मुताबिक दुनिया भर में हर एक मिनट में दो लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हो रही हैं. दुनिया भर में हर दिन 3200 लोग सड़क हादसों में जान गंवा रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि दुनिया की 80% सड़कें पैदल चलने वालों के लिए सेफ नहीं हैं. वहीं केवल 0.2% सड़कों पर साइकिल चलाने वालों के लिए लेन हैं. दुनिया के हर 10 में से 9 हादसे गरीब और मिडिल क्लास देशों में होते हैं जबकि दुनिया की कुल गाड़ियों की केवल 1 प्रतिशत गाड़ियां इन देशों में चलती हैं.
WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 5 से 29 साल के लोगों में मौत का सबसे बड़ा कारण रोड एक्सीडेंट है.
रोड एक्सीडेंट - भारत के आंकड़े - 2022
भारत में रोड एक्सीडेंट के शिकार 10 में से 4 लोग मारे जाते हैं. 2022 में देश में 4,61,312 रोड एक्सीडेंट हुए. जिनमें 4,33,366 लोग घायल हो गए. वहीं 1,68,491 की जान चली गई.
रोज - 1263 रोड एक्सीडेंट 461 मौतें. हर घंटे - 53 एक्सीडेंट और 19 लोगों की मौत
2021 -
4,13,000 रोड एक्सीडेंट. 3,85,000 घायल, 1,53,000 मारे गए
हर रोज -1130 हादसे, 422 मौतें , हर घंटे 47 एक्सीडेंट, 18 मौतें
भारत में रोड एक्सीडेंट में मौत की सबसे बड़ी वजह
ओवर स्पीडिंग की वजह से पिछले साल 72% एक्सीडेंट और 71% मौतें हुई. नेशनल हाइवे पर होते हैं 56% एक्सीडेंट. भारत में कुल रोड एक्सीडेंट में जान गंवाने वालों में से 61% नेशनल हाइवे पर हुए एक्सीडेंट में मारे जाते हैं. जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा 64% पैदल और टू व्हीलर चलाने वाले लोग हैं. जबकि भारत के कुल रोड नेटवर्क में नेशनल हाइवे की हिस्सेदारी केवल 4.9% है.
किसी की भी गलती से जा सकती है जान
गाड़ी करोड़ों की हो या साइकिल की सवारी, आपकी जान किसी की भी गलती से जा सकती है. भारत में एक्सीडेंट में हो रही मौतों का आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है. क्योंकि कानून मानने वाले और कानून का पालन करवाने वाले सभी सड़कों से गायब हैं. सड़कों पर अराजकता वाला ट्रैफिक बेलगाम दौड़ रहा है.
भारत में लेन ड्राइविंग के बारे में तो बात करना ही बेकार है. ओवरटेकिंग, ओवर स्पीडिंग और कहीं भी अपनी मर्ज़ी से गाड़ी को बीच सड़क में रोक देना, ट्रैफिक सिग्नल्स का सम्मान ना करना. और उस पर ये आत्मविश्वास, कि अगर ट्रैफिक नियम तोड़ने पर किसी ने पकड़ लिया तो कुछ ले-देके मामला निपट जाएगा. ये वो बड़ी वजहे हैं जो सड़क को लोगों के लिए सुरक्षित बनाने के हर प्रयास को बेकार साबित कर देते हैं.
केंद्र सरकार वर्ल्ड बैंक की मदद से 7 हज़ार 500 करोड़ रुपए की एक योजना लाई है जिसके इस्तेमाल से हाइवे पर होने वाले एक्सीडेंट की वजहों को दुरुस्त किया जा सके.
रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के मुताबिक भारत में सड़क हादसों में मरने वालों में सबसे ज्यादा 18 से 45 साल के लोग है. भारत में हुए कुल सड़क हादसों में 66.5% यानी 1,12,072 लोग 18 से 45 साल की उम्र के हैं. 2022 में 18 साल से कम के 9,528 बच्चों की जान रोड एक्सीडेंट में हो गई . यानी रोज 26 बच्चों की जान 2022 में एक्सीडेंट में चली गई .
भारत में सड़क हादसों के मुख्य कारण - ओवर स्पीडिंग
ओवर स्पीडिंग - 71 प्रतिशत यानी 1 लाख 1,19,904 लोगों की जान ओवर स्पीडिंग में गई . सिर्फ ओवर स्पीडिंग की वजह से भारत में दोगुने से ज्यादा लोग मारे जाते हैं .
रॉंग साइड ड्राइविंग - 9094 लोग यानी 5% की जान गलत साइड से गाड़ी चलाने से हुई.
नशे में गाड़ी चलाना - मौत की तीसरी वजह 4201 लोग मारे गए.
मोबाइल फोन - 2% लोग यानी कुल 3395 लोग मोबाइल पर बात करने की वजह से सड़क हादसों का शिकार होकर मारे गए .
लाल बत्ती पार करने की वजह से 1462 लोग मारे गए .
2022 में हुए कुल रोड एक्सीडेंट में से 44.5% लोग टू व्हीलर वाले प्रभावित हुए.
2022 में हुए कुल रोड एक्सीडेंट में से 44.5% लोग टू व्हीलर सवार थे. 74 हज़ार से ज्यादा मौतें.
19% लोग पैदल थे. 2022 में 32,825 राह चलते लोग मारे गए . 2021 में 29,124 लोगों की मौत सड़क पर चलते हुए हुई थी. एक साल में 13 प्रतिशत बढ़ गई पैदल लोगों की मौत.
4 व्हीलर वाले 12.5% लोग मारे गए . 21040 लोग कार या किसी चार पहिया वाहन वाले थे.
शहरों में दिल्ली सड़क हादसों में टॉप पर
शहरों के मामले में रोड एक्सीडेंट में दिल्ली पहले नंबर पर है. दिल्ली में पिछले साल रोड एक्सीडेंट में 1461 मौतें हुई हैं. बैंगलुरु में 772 मौतें. टॉप 5 शहरों में दिल्ली और बैंगलुरु के बाद जयपुर, कानपुर और इंदौर का नंबर है.
तमिलनाडु में सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें
2022 में तमिलनाडु में सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट हुए जबकि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें. जबकि रोड एक्सीडेंट के मामले में उत्तर प्रदेश का नंबर पांचवा है.
तमिलनाडु में कुल एक्सीडेंट के 13.9% एक्सीडेंट हुए. कुल 64105 रोड एक्सीडेंट
मध्यप्रदेश में 11.8% यानी कुल 54432 एक्सीडेंट, केरल में 9.5% - 43910
यूपी में 9% एक्सीडेंट- यानी 41746 एक्सीडेंट हुए - यूपी में 8479 लोग मारे गए . तमिलनाडु में 5978 लोग मारे गए. महाराष्ट्र में 4923 लोग मारे गए.
देश में सबसे कम सड़क हादसों और मौतों वाला राज्य गुजरात है .
ओवर स्पीडिंग पर लगाम - जान की अमान
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकलन के मुताबिक स्पीड लिमिट 1 परसेंट बढ़ने से खतरनाक एक्सीडेंट का खतरा 4 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
अगर कार 50 किलोमीटर प्रतिघंटा से 65 किलोमीटर प्रतिघंटा पर आ जाए तो पैदल चलने वालों के लिए कार के आगे से टकराकर मारे जाने का खतरा साढे चार गुना बढ़ जाता है.
सही हेलमेट मौत के खतरे को 6 गुना और ब्रेन इंजरी के खतरे को 74% तक घटा सकता है.
सीट बेल्ट लगाने से एक्सीडेंट में मारे जाने का खतरा 50% तक कम हो सकता है.
मोबाइल पर बात करने वाले ड्राइवर दूसरों के मुकाबले एक्सीडेंट के 4 गुना खतरे पर होते हैं.
अमेरिका में दुनिया के सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट लेकिन एक्सीडेंट में मौत सबसे ज्यादा भारत में
अमेरिका में दुनिया के सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट होते हैं लेकिन एक्सीडेंट में मौत सबसे ज्यादा भारत में होती हैं. भारत रोड एक्सीडेंट के मामले में दुनिया के 20 सबसे खराब देशों में शामिल है. इसके बाद नंबर आता है चीन और तीसरे नंबर पर अमेरिका का. 2020 के डाटा के आधार पर जारी किए गए ग्लोबल रोड स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक भारत में 2020 में 345238 एक्सीडेंट हुए और मौते हुई 1,31,714. चीन में 61703 लोगों की जान गई. कुल मौतों के मामले में चीन का नंबर दूसरा है. अमेरिका में 19,27,654 एक्सीडेट्स हुए लेकिन 38824 लोग मारे गए. वैसे एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि इन देशों का आबादी का क्रम भी ऐसा ही है. भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं उसके बाद चीन और तीसरे नंबर पर अमेरिका की आबादी है.
इन देशों से सबक लेने की जरूरत
दुनिया के केवल 6 देश ऐसे हैं जो ओवर-स्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने, मोटरसाइकिल सवार के हेलमेट्स, सीट बेल्ट्स के कानूनों को लेकर गंभीर हैं . 140 देश इनमें से किसी एक पर ही गंभीरता से काम कर रहे हैं. केवल 51 देश ऐसे हैं जो सड़कों के सेफ्टी इंस्पेक्शन करते हैं. WHO का अनुमान है कि दो पहिया गाड़ियों की संख्या 2030 तक डबल हो जाएगी लेकिन केवल 35 देश ऐसे हैं जो बाइक्स में एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम, फ्रंट एंड साइड प्रोटेक्शन पर काम कर रहे हैं.
दुनिया के वो देश जहां 10 सालों में घटकर आधे हो गए सड़क हादसे
108 देशों ने रोड एक्सीडेंट में कमी लाने में कामयाबी हासिल की है लेकिन दुनिया के 10 देश ऐसे हैं जो रोड एक्सीडेंट का आंकड़ा 50 प्रतिशत तक कम कर पाए हैं. ये देश हैं - यूनाइटेड अरब अमीरात, वेनेजुएला, बेलारूस, ब्रूनेई, डेनमार्क, जापान, लिथुआनिया, नॉर्वे, रशियन फेडरेशन, ट्रिनीदाद एंड टोबेगो.