नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मुसलमानों को लेकर खुलकर बात की है और कहा है कि भारत के मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट मुसलमान हैं. महाराष्ट्र (Maharashtra) से प्रकाशित होने वाली हिंदी पत्रिका 'विवेक' को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान का उदाहरण दिया और कहा कि पाकिस्तान ने दूसरे धर्मों को अधिकार नहीं दिए. इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर (Ram Mandir) के सवाल पर कहा कि मंदिर राष्ट्रीय मूल्यों और चरित्र का प्रतीक होते हैं.


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जानें मोहन भागवत के इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें


1. भारत के मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट


मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि भारतीय मुसलमान (Indian Muslims) दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं. जब भारतीयता की बात आती है तो सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं.


2. पाकिस्तान ने दूसरे धर्मों को अधिकार नहीं दिए


आरएसएस प्रमुख (RSS Chief) ने कहा कि भारत के विपरीत पाकिस्तान ने कभी दूसरे धर्मों के अनुयायियों को अधिकार नहीं दिए और इसे मुसलमानों के अलग देश की तरह बना दिया गया.


3. जनता पर शासन करने वाला विदेशी धर्म भारत में ही


मोहन भागवत ने कहा कि क्या दुनिया में एक भी उदाहरण ऐसा है, जहां किसी देश की जनता पर शासन करने वाला कोई विदेशी धर्म अब भी अस्तित्व में हो. कहीं नहीं. केवल भारत में ऐसा है.


4. मंदिर राष्ट्रीय मूल्यों और चरित्र का प्रतीक होते हैं


अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के संदर्भ में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यह केवल परंपरागत उद्देश्यों के लिए नहीं है, बल्कि मंदिर राष्ट्रीय मूल्यों और चरित्र का प्रतीक होता है.


5. कौन किसे पूजता है, हिंदू का इससे लेना-देना नहीं


संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पूजा करने को लेकर भी बात की और कहा कि हिंदूओं को इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है.


6. धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला होना चाहिए


मोहन भागवत ने कहा कि धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए. जब भी भारत और इसकी संस्कृति के लिए समर्पण जाग्रत होता है और पूर्वजों के प्रति गौरव की भावना पैदा होती है तो सभी धर्मों के बीच भेद समाप्त हो जाता है और सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं.


7. कट्टरता वो ही फैलाते हैं जिनके हित प्रभावित होते हैं


संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि किसी तरह की कट्टरता और अलगाववाद केवल वे ही लोग फैलाते हैं जिनके खुद के हित प्रभावित होते हैं.


8. संविधान में नहीं कहा गया कि यहां केवल हिंदू रह सकते हैं


भागवत ने कहा कि हमारे संविधान में यह नहीं कहा गया कि यहां केवल हिंदू रह सकते हैं या यह कहा गया हो कि यहां केवल हिंदुओं की बात सुनी जाएगी, या अगर आपको यहां रहना है तो आपको हिंदुओं की प्रधानता स्वीकार करनी होगी. हमने उनके लिए जगह बनाई. यह हमारे राष्ट्र का स्वभाव है और यह अंतर्निहित स्वभाव ही हिंदू कहलाता है.


9. भारतीयता पर सभी धर्मों के लोग साथ खड़े होते हैं


इंटरव्यू के दौरान मोहन भागवत ने भारतीयता को लेकर भी बात की और कहा कि जब भारतीयता की बात आती है तो सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं. 


10. संस्कृति पर हमले के वक्त सभी लोग मिल खड़े हुए हैं


मुगल शासक अकबर (Akbar) के खिलाफ युद्ध में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप (Rana Maharana Pratap) की सेना में बड़ी संख्या में मुस्लिम सैनिकों के होने का जिक्र करते हुए मोगन भागवत ने कहा कि भारत के इतिहास में जब भी देश की संस्कृति पर हमला हुआ है तो सभी धर्मों के लोग साथ मिलकर खड़े हुए हैं.


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