वृंदावन: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठनों की समन्वय बैठक में शुक्रवार (1 सितंबर) को जम्मू कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के साथ केरल और पश्चिम बंगाल कें संघ कार्यकर्ताओं पर हमलों पर भी बातचीत हुई. बैठक में कश्मीर घाटी की स्थिति से निपटने और पथराव को रोकने में मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना की गई. संघ के सूत्रों ने यह जानकारी दी. संघ के पदाधिकारियों ने दोनों राज्यों में कथित रूप से संघ कार्यकर्ताओं पर निशाना साधकर की जाने वाली हिंसा विस्तार से विवरण दिया. केरल में हालात को विशेष तौर पर खतरनाक माना गया और बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने इसे ‘राज्य प्रायोजित’ हिंसा का मामला बताया.


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इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया. संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि तीन दिन चलने वाली बैठक में विभिन्न संगठनों के कामकाज पर चर्चा होगी और समीक्षा की जायेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या राम मंदिर के विषय पर चर्चा होगी, उन्होंने कहा कि बैठक में विश्व हिन्दू परिषद भी हिस्सा ले रही है, ऐसे में वे राम मंदिर के विषय पर अपनी बात रख सकते हैं. पहले दिन बैठक को संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी और वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी ने संबोधित करते हुए संघ के कार्यों और इस बैठक के महत्व को रेखांकित किया.


सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने कहा, ‘हम सभी संगठन भारत की प्राचीन आध्यात्मिक विचारधारा को लेकर सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं. बदलते हुए विश्व परिदृश्य, देश की परिस्थिति और अपने संगठन की स्थिति का योग्य आकलन करते हुए हम सभी को अपने क्षेत्रों में आगे बढ़ना है.’ उन्होंने कहा, ‘किसी भी नए कार्य को करने में उसके समक्ष - उपेक्षा, विरोध और स्वीकार - यह तीन पड़ाव होते हैं. पहले दो पड़ाव पार कर हम समाज में स्वीकृति का अनुभव कर रहे हैं. लेकिन हम विश्व परिदृश्य, देश की वर्तमान स्थिति और अपने संगठन की सांगठनिक स्थिति का योग्य आकलन कर सकें तथा उसके लिए हम सभी में इसके लिए अपेक्षित समझ हो, इसलिए आने वाले तीन दिनों में अनेक विषयों पर चर्चा करेंगे.’


संघ से जुड़े 40 सहयोगी संगठनों की इस समन्वय बैठक की अध्यक्षता आज सर संघ चालक मोहन भागवत ने की. संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान वरिष्ठ प्रचारक अरूण कुमार ने कश्मीर की स्थिति का उल्लेख किया. उन्होंने जम्मू कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति की चर्चा की और राह से भटके हुए कुछ लोगों को मुख्यधारा में लाने की जरूरत बतायी. उन्होंने हाल के दिनों में घाटी में पथराव और आतंकी घटनाओं में कमी आने का जिक्र किया और इस दिशा में प्रयास के लिये केंद्र सरकार के कार्यो की सराहना की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने 40 सहयोगी संगठनों की आज से शुरू हुई समन्वय बैठक में इन संगठनों के कामकाज की समीक्षा भी करेगा.


वृंदावन के केशवधाम में होने वाली इस बैठक में दत्तात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल और विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया भी हिस्सा ले रहे हैं. बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के भी हिस्सा लेने की संभावना है. यह पूछे जाने पर कि बैठक में क्या क्या मुद्दे होंगे, संघ के पदाधिकारी ने कहा कि इस बैठक में इन बातों पर चर्चा होगी कि इन संगठनों ने वर्ष भर क्या काम किया, पिछले वर्ष जो लक्ष्य दिया गया था, उसमें कितना कार्य पूरा हुआ और उन्हें क्या परेशानियां पेश आईं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा स्वदेशी जागरण मंच चीन से जुड़े विषयों को उठा सकता है क्योंकि उन्होंने देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का कार्यक्रम आयोजित किया था.


इस बैठक में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को सजा सुनाये जाने के बाद हरियाणा में हुई हिंसा से जुड़े घटनाक्रमों पर भी चर्चा हो सकती है. बैठक में सेवा भारती, बनवासी सेवा आश्रम, विहिप, एबीवीपी, किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ जैसे संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.