नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को राम मंदिर के बारे में पीएम मोदी द्वारा (अपने इंटरव्यू के दौरान) कही गई बात को विस्तार देते हुए कहा कि PM ने मंदिर पर भी अपना दर्द व्यक्त किया है. उन्होंने आगे कहा, "या तो न्यायाधीश फैसला दे दें या फिर लोग सड़कों पर उनके खिलाफ विद्रोह करेंगे." आपको याद दिला दें कि अपने साक्षात्कार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही राम मंदिर पर अध्यादेश के संबंध में कोई फैसला हो सकता है, लेकिन उन्होंने जोर दिया कि केन्द्र अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए सभी प्रयास करने को तैयार है.


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सुप्रीम कोर्ट में 3 साल से मुकदमा है
इंद्रेश कुमार ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट में 3 साल से मुकदमा है. जजस ने कहा था फैसला डे तो डे हियरिंग करके जल्द से जल्द दे देंगे. पहला रोड़ा तो कांग्रेस ने अटकाया. उन्होंने तो एफिडेविट दी कि राम है ही नहीं. फिर रामलीला का आयोजन क्यों करवाते हैं. तीसरा मुस्लिम बॉडी ने भी रोड़े अटकाए. प्रधानमंत्री ने भी बड़े साफ-सुथरे शब्दों में कहा, उन्होंने अपना दर्द बयान किया है."


अच्छा हो जल्दी से जल्दी कोर्ट इस पर फैसला दे
कोर्ट की लेटलतीफी पर टिप्पणी करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा, "इन जजस ने भी उपहास किया है अयोध्या केस का. आतंकियों के लिए पूरी रात कोर्ट चलाते हैं. सभी चाहते हैं राम मंदिर बने. बसंत पचमी पर 125 करोड़ हिंदुस्तान के लोग राम मंदिर बनने का जश्न मनाएं. ऐसा न हो कि सड़कों पर आकर लोग सुप्रीम कोर्ट के जजस के खिलाफ खड़े हो जाएं. अच्छा हो जल्दी से जल्दी कोर्ट इस पर फैसला दे. कांग्रेस भी अपना एफिडेविट विथड्रॉ करे. कोई रोड़ा नहीं अटकाएं."


RSS प्रमुख भागवत बोले, 'अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर बनेगा'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा था कि अयोध्या में केवल राम मंदिर बनेगा. राम मंदिर से जुड़े एक सवाल के जवाब में भागवत ने कहा था, ''अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर बनेगा.'' उन्होंने कहा, ''हमारी भगवान राम में आस्था है. वह समय बदलने में समय नहीं लेते.'' बुधवार को इससे पहले, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा था कि हिन्दू राम मंदिर पर अदालत के फैसले के लिए ''अनंतकाल तक'' इंतजार नहीं कर सकते और इसके निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता कानून बनाना है.