लोकसभा चुनावों में बीजेपी को यूपी में सबसे ज्‍यादा नुकसान हुआ. उसके बाद भले ही बीजेपी और आरएसएस की तरफ से ऊपरी तौर पर कोई कुछ नहीं कह रहा हो लेकिन अंदरखाने लगातार इसकी समीक्षा की जा रही है और हार के कारणों की खोज हो रही है. चुनावी नतीजों के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मध्‍य जून में पांच दिवसीय गोरखपुर प्रवास किया. उस दौरान मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों और सामाजिक सरोकारों पर बात की गई. उसके बाद पूर्वी क्षेत्र के संघ पदाधिकारियों की एक चार दिवसीय समीक्षा बैठक 26 जून से लखनऊ में हो रही है. इन समीक्षा बैठकों का मकसद संघ की शाखाओं का उन जगहों पर विस्‍तार करना है जहां से अपेक्षित नतीजे नहीं मिले हैं. 


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कौन हैं वो जगहें? 
राजनीतिक गलियारों में यूपी में बीजेपी की हार का कारण मुख्‍य रूप से दलितों और पिछड़ों के वोटबैंक में सपा-कांग्रेस के नेतृत्‍व में इंडिया गठबंधन की सेंधमारी को माना जा रहा है. संघ और बीजेपी का मानना है कि ये वोटबैंक छिटककर सपा के पाले में जा गिरा. अयोध्‍या में सपा के दलित प्रत्‍याशी अवधेश प्रसाद की जीत की कहानी को मिसाल के तौर पर पेश किया जा रहा है. इस लिहाज से ही संघ अब दलितों और पिछड़ों में पैठ बढ़ाने की रणनीति पर फोकस कर रहा है. 


समन्‍वय की कमी
सिर्फ इतना ही नहीं ये भी कहा जा रहा है कि इस बार यूपी में संघ और बीजेपी के बीच समन्‍वय भी नहीं था. संघ अपने पदाधिकारियों की शिथिलता और उदासीनता से भी चिंतित है. इसी कड़ी में गुरुवार को कई प्रचारकों के तबादले की घोषणा की गई. लखनऊ के सरस्वती शिशु मंदिर निराला नगर में संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की उपस्थिति में चल रही बैठक में गुरुवार को कई प्रचारकों के केंद्र बदल दिए गए हैं. संघ में प्रचारक प्रमुख का पद काफी अहम माना जाता है. 


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संघ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर का केंद्र सुल्तानपुर से हटाकर सेवा भारती कार्यालय काशी किया गया है. वह लंबे समय तक उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक का दायित्व निर्वहन कर रहे थे. पूर्वी यूपी क्षेत्र के सह क्षेत्र संपर्क प्रमुख मनोज कुमार का केंद्र अयोध्या से हटाकर गोरखपुर किया गया है. वह इसके पहले काशी सह प्रांत प्रचारक रह चुके हैं. 


अखिल भारतीय सह गो सेवा प्रमुख नवल किशोर का केंद्र प्रकृति भारती मोहनलालगंज लखनऊ किया गया है. उनका केंद्र अभी तक गोरखपुर था. वहीं क्षेत्र के मुख्य मार्ग संपर्क प्रमुख राजेंद्र सक्सेना का केंद्र काशी से हटाकर लखनऊ किया गया है. वह इससे पहले क्षेत्र के प्रचार प्रमुख रहे हैं. वह विश्व संवाद केंद्र लखनऊ में लंबे समय तक रहे.


क्षेत्र के पर्यावरण प्रमुख अजय कुमार का केंद्र काशी घोषित किया गया है. वह गोरखपुर के रहने वाले हैं. पर्यावरण प्रमुख अजय कुमार का केंद्र काशी घोषित किया गया है. पूर्वी यूपी के क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेंद्र सिंह का केंद्र कानपुर से हटाकर भारती भवन लखनऊ किया गया है. लंबे समय से उनका केंद्र कानपुर था. लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की लखनऊ में चल रही बैठक में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वान्त रंजन लखनऊ पहुंचे हैं. बैठक 29 जून तक चलेगी. 


यानी संघ आगे की चुनौतियों को देखते हुए अपने संगठन को नए सिरे से कस रहा है और विस्‍तार के क्रम में पिछड़ों-दलितों में अपनी पैठ बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है.