Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने दावा किया कि उमर अब्दुल्ला वैचारिक रूप से भाजपा के विरोधी नहीं हैं और उनके मतभेद राजनीतिक के बजाय व्यक्तिगत लगते हैं. उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी के संबंध में मीडिया के सवालों को संबोधित करते हुए लोन ने कहा कि अगर वह जीवित होते तो आज भी वाजपेयी के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त करते, उन्होंने कहा कि वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के बीच कोई अंतर नहीं है. "भाजपा एक वैचारिक पार्टी है. उमर अब्दुल्ला का भाजपा या हिंदुत्व के साथ कोई वैचारिक विवाद नहीं है, बल्कि उनके मुद्दे अधिक व्यक्तिगत लगते हैं.


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लोन ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि श्री मोदी उन्हें तवज्जो नहीं देते, जबकि श्री वाजपेयी शायद उन्हें तवज्जो देते थे. इसलिए, भविष्य में अगर भाजपा की विचारधारा से कोई उनकी ओर ध्यान देता है, तो उमर अब्दुल्ला को उनके साथ जाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी.


 


साथ ही लोन ने कहा कि जिन लोगों ने तीस साल से अधिक समय तक जम्मू-कश्मीर पर शासन किया, उन्हें अपनी ऐतिहासिक गलतियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरे मन में कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है. पिछले 70 सालों में उन्होंने सबसे ज्यादा समय तक शासन किया है. मौजूदा स्थिति उनके कुशासन का नतीजा है और उन्हें इसके लिए जवाब देना चाहिए.


 


लोन ने कहा, भावनात्मक राजनीति का युग बीत चुका है, हमें आगामी चुनावों में आम आदमी से जुड़े मुद्दों को उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस विकास को बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर के लोगों की गरिमा को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हमारी समृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है.


 


अलगाववादी से मुख्यधारा के राजनेता बने सज्जाद गनी लोन आगामी संसदीय चुनाव बारामुल्ला सीट से लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से होगा.