Jharkhand Mla Special Committee: वैसे तो विधायक का पद कोई छोटा पद नहीं होता है. जनता की जिम्मेदारी और उसके प्रति जवाबदेही भी होती है. लेकिन यह बात भी सही इसके साथ ही विधायक अपने रुतबे से काफी संपत्ति बनाने में पीछे नहीं हटते हैं. इसी कड़ी में झारखंड राज्य के विधायकों के लिए उनके वेतन, भत्ते और सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की गई है. वे तनख्वाह और भत्तों के मामले में अब देश में सबसे 'अमीर विधायक' होंगे. असल में वेतन वृद्धि के लिए गठित विशेष समिति की रिपोर्ट लागू होते ही विधायकों को हर महीने तकरीबन 2.88 लाख रुपए मिलेंगे.


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जानकारी के मुताबिक देश के किसी भी राज्य के विधायक को फिलहाल वेतन-भत्ते के मद में इतनी रकम नहीं मिलती है. फिलहाल, तेलंगाना के विधायकों को इस मद में सबसे ज्यादा हर महीने करीब 2.50 लाख रुपए मिलते हैं. झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में ही पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने सर्वसम्मति से वेतन वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया था. इसी प्रस्ताव के आधार पर पांच विधायकों की विशेष समिति गठित की गई थी, जिसने विधानसभा के चालू सत्र में अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है.


एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वेतन वृद्धि की रिपोर्ट तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी थे. जबकि, इसमें कांग्रेस के प्रदीप यादव, दीपिक पांडेय सिंह, झामुमो के समीर कुमार मोहंती और भाजपा के भानुप्रताप शाही शामिल थे. माना जा रहा है कि विशेष समिति की रिपोर्ट जल्द ही लागू कर दी जाएगी, क्योंकि सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के विधायक इस पर एकमत हैं.


बता दें कि झारखंड 15 नवंबर 2000 को अलग राज्य के तौर पर अस्तित्व में आया था. इसके बाद से सातवीं बार विधायकों के वेतन-भत्ते में वृद्धि होने जा रही है. इसके पहले वर्ष 2017 में तत्कालीन रघुवर दास की सरकार के कार्यकाल में विधायकों के वेतन-भत्तों में करीब 33 फीसदी बढ़ोतरी की गई. वर्ष 2001 में झारखंड के विधायकों को वेतन-भत्ते के रूप में महज 19,800 रुपए मिलते थे, अब नई वेतन वृद्धि के बाद 2001 की तुलना में करीब 14 गुना ज्यादा पैसे मिलेंगे.


अन्य राज्यों की बात करें तो दिल्ली में विधायकों के वेतन-भत्ते 95 हजार हैं. वहां प्रति व्यक्ति आय 4.45 लाख रुपए है और प्रति व्यक्ति लोन 19,571 रुपए है. झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 91 हजार रुपए है और प्रति व्यक्ति लोन 30 हजार रुपए है, इस हिसाब से भी देखें तो झारखंड में विधायक दिल्ली ही नहीं, देश के ज्यादातर राज्यों से आगे हैं.