नई दिल्ली: राम मंदिर (Shri Ram Mandir) पर पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद अब अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण भी शुरू हो चुका है. कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस (Congress) को अंदर ही अंदर इस मसले पर कहीं न कहीं अफसोस रहा है. अब कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की किताब सामने आई है, जिसे पढ़ने से अहसास होता है कि कांग्रेस को अयोध्या पर अपने स्टैंड को लेकर अब भी असमंजस है.


कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने लिखी किताब


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कांग्रेस के नेता और पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने एक क़िताब लिखी है. जिसका नाम है- सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहूड इन ऑवर टाइम्स (Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times). यूं तो सलमान खुर्शीद इस  क़िताब को अयोध्या जजमेंट की रेफरेंस बुक बता रहे हैं. लेकिन इसमें कई बातें हैं, जो मौजूदा राजनीति को टच करती हैं. 


इस किताब को पढ़ने से अहसास होता है कि कांग्रेस (Congress) को अयोध्या पर अपने स्टैंड को लेकर अफसोस हो रहा है? यह सवाल इसलिए क्योंकि जिस पार्टी का हर कदम अयोध्या फैसले के उलट गया हो, उसका स्टैंड अब सॉफ्ट क्यों हो रहा है. या कहें कि अब सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर क्यों दिखने लगा है. 


किताब की टाइमिंग पर उठ रहे सवाल


आप ध्यान से देखें तो कांग्रेस (Congress) के स्टैंड में आ रहे बदलाव की टाइमिंग काफी अहम है. दरअसल अगले साल यूपी में चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी श्रीराम मंदिर का पूरा क्रेडिट लेने की तैयारी में है. वहीं कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर असमंजस की स्थिति में है. सलमान खुर्शीद ने अपनी इस किताब में कांग्रेस के हिंदुत्व कन्फ्यूजन पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने किताब में अयोध्या पर फैसले को आंदोलन की नहीं अदालती प्रक्रिया की जीत बताने की भी कोशिश की है.


सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कहा, 'मेरा ये दायित्व बनता है कि मैं ये समझाऊं कि मैं जिस कोर्ट से संबंधित हूं, उस कोर्ट ने जो किया है वो क्या है आखिर और क्या उसमें त्रुटि है कि नहीं है?' सलमान ने कहा, 'मैंने माना कि ये एक अच्छा फैसला है. एक बहुत अच्छा जजमेंट है और आज के हालात जो हमारे देश में है, उनमें मरहम लगाने का एक रास्ता है. उन पर मरहम लगे और ऐसी बात फिर ना हो, इसका एक प्रयास है.'


'किसी की विजयी- पराजय कहना ठीक नहीं'


कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, 'इस फैसले के बारे में अल्पसंख्यक चुप हो गए. कुछ कहते नहीं है. सबने ये पहले से कहा था कि जो भी फैसला होगा उसको हम मानेंगे. दोनों साइड ने कहा था कि हम उस फैसले को मानेंगे. तो अब उसमें त्रुटि निकालना या उस पर कोई आनाकानी करना भी सही नहीं होगा.'


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सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कहा, 'जिसको सफलता प्राप्त हुई है, मान लीजिए उसको भी ऐसा नहीं व्यवहार करना चाहिए कि हम जीत गए, हमने किसी और को पराजित किया है, ऐसा भी नहीं करना चाहिए. सरकार ने औपचारिक रूप से ऐसा नहीं किया है, अधिकृत रूप से ऐसा नहीं किया है. लेकिन बहुत सारे जो लोग, उनकी कार्यशैली में देखने को मिला है वो ये है कि हम ने अपनी बात मनवा ली.' 


'मंदिर सब तबके का होना चाहिए'


उन्होंने कहा, 'मंदिर (Shri Ram Mandir) बनेगा, अच्छा मंदिर होगा, लेकिन वो मंदिर सिर्फ एक पक्ष का नहीं होना चाहिए, वो मंदिर सबका होना चाहिए. मस्जिद सबकी होना चाहिए. जजमेंट और मंदिर-मस्जिद हमारे हैं और हम सब साथ-साथ चलें.'


सलमान खुर्शीद ने कहा, 'लोकतंत्र में आप कुछ अच्छा करते हैं तो अच्छा और बुरा करते हैं तो बुरा परिणाम मिलता है. इसके बाद भी लोग आगे बढ़ते हैं. जब लोग आगे बढ़ेंगे तो खाना पीना शिक्षा सबकी बात करेंगे. बीजेपी बिना धुव्रीकरण के कुछ नहीं कर सकती है. वे पोलराइज नहीं करेंगे तो क्या करेंगे. उन्हें और कुछ नहीं आता है.'


उन्होंने कहा कि कांग्रेस का संकल्प है कि हम समाज में धुव्रीकरण नहीं होने देंगे. डॉ मनमोहन सिंह कहते थे- ये एक युद्ध है, प्रयास है दिल जीतने का. हमारा यही प्रयास रहेगा और हम इसमें सफल होकर रहेंगे. 


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