जैसा फिल्मों में होता है! दिल्ली पुलिस ने 60 किमी पीछा कर Parshwanath Developers के सीईओ को किया गिरफ्तार
Who is Sanjeev Jain: Parsvnath Developers के सीईओ संजीव जैन को दिल्ली में पीछा करके गिरफ्तार किया गया है. बताते हैं कि पुलिस शनिवार को उनके घर पहुंची तो वह फरार हो गए. इसके बाद पुलिस ने पीछा किया और एयरपोर्ट के पास पकड़ लिया.
Parsvnath Developers CEO: अब तक आपने फिल्मों में ऐसा सीन देखा होगा लेकिन दिल्ली में एक सीईओ (Sanjeev Jain) को पुलिस ने पीछा करके पकड़ा है. जी हां, दिल्ली पुलिस ने करीब 60 किलोमीटर तक पीछा कर पार्श्वनाथ डेवलपर्स के सीईओ को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पार्श्वनाथ डेवलपर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव कुमार जैन को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया. वह शहर से भागने की कोशिश कर रहे थे.
अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के शाहदरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक अदालत द्वारा संजीव कुमार जैन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. दूसरे जगहों पर भी जैन के खिलाफ चार गैर जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं. पुलिस ने बताया कि जैन को तीन अगस्त को गिरफ्तार किया गया और रविवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के सामने पेश किया गया.
गैर-जमानती वारंट लेकिन...
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने बताया है कि राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, दिल्ली द्वारा जैन के खिलाफ 8 जुलाई को गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था लेकिन वह आयोग के सामने पेश नहीं हुए.
अधिकारी ने बताया कि मामला शाहदरा जिले के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को दिया गया था. जैन का पता लगाने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था. डीसीपी के मुताबिक, जैन लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे लेकिन हम उन्हें ट्रैक करते रहे. उनके एक परिचित के माध्यम से हमें एक मोबाइल फोन नंबर मिला, जिसका इस्तेमाल जैन कर रहे थे.
नंबर लगा सर्विलांस पर
उस नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया गया था. तीन अगस्त को, पुलिस को पता चला कि मोबाइल फोन का स्थान दिल्ली हवाई अड्डे के आसपास है. इसके बाद एक टीम को तुरंत हवाई अड्डे के लिए भेजा गया और जैन को पकड़ लिया गया. पार्श्वनाथ के सीईओ पर गुरुग्राम में एक घर खरीदार को निर्धारित समय के भीतर फ्लैट उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है. इसके अलावा भी जैन के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. (एजेंसी)
पढ़ें: कोई आकर बचा लो.. आधी रात को महिला ने किया फोन, फिर की लोगों की मदद; उसकी भी हुई मौत
पढ़ें: कोटे में कोटा! चिराग पासवान को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आखिरकार आपत्ति क्या है?