Hardoi: उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक अलग ही तरह का घोटाला सामने आया है. यहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में  नवविवाहित जोड़ों को दिये जाने वाले उपहार में ही कमीशन काट लिया गया. हैरानी की बात ये है कि दुल्हनों को जो साड़ियां मिलीं वो एक मीटर छोटी निकल गईं और तो और दूल्हा-दुल्हन को दिये जाने वाले हर गिफ्ट में घोटाला किया गया. 14 नवंबर को हरदोई में एक साथ 614 जोड़ों का विवाह पूरे रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुआ. कार्यक्रम की भव्यता और दिव्यता में मंत्री रजनी तिवारी ने पहुंचकर चार चांद लगा दिये, लेकिन जब नवविवाहित जोड़ों को उपहार देने की बारी आई तो नवविवाहित जोड़ों के होश उड़ गए. उच्च अधिकारियों और मंत्री के सामने ही विवाह समारोह में दिये जाने वाले दान में ही घोटाला कर दिया गया. 


साड़ी, पेंट शर्ट और डिनर सेट में घोटाला


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दरअसल दुल्हनों को दी जाने वाली साड़ियां साढ़े पांच मीटर की जगह साढ़े चार मीटर की ही निकलीं. इसके अलावा दूल्हे के पैंट-शर्ट का कपड़ा भी तय नाप से कम निकला. इतना ही नहीं आठ किलो वजनी डिनरसेट की जगह साढ़े पांच किलो का डिनरसेट भेज दिया गया. वहीं दीवार की घड़ी भी की क्वॉलिटी भी बेहद खराब बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि ये घोटाला सामूहिक विवाह समारोह में उपहारों की सप्लाई करने वाली फर्म ने किया है.


कितना खर्च करती है सरकार


दरअसल यूपी में सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रत्येक नवविवाहित जोड़े पर 50 हजार की धनराशि खर्च करती है. सरकार की तरफ से हर नवविवाहित जोड़े को 35 हजार रुपये नकद धनराशि दी जाती है और 10 हजार रुपये के उपहार दिये जाते हैं. जिनमें साड़ी, डिनरसेट, चांदी पायल, कंबल और दीवार घड़ी जैसे उपहार शामिल हैं. फजीहत होने के बाद अब हरदोई प्रशासन आश्वासन दे रहा है कि सभी नवविवाहित जोड़ों के घरों पर उपहार अगले 10 दिनों में पहुंचा दिए जाएंगे लेकिन इस घटना ने बता दिया कि सरकारी सिस्टम में करप्शन का लेवल क्या है.


किसे मिला था टेंडर?


समाज कल्याण विभाग की तरफ से टेंडर की प्रक्रिया बीस दिन पहले ही पूरी कर ली गई थी. गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को गिफ्ट आपूर्ति का टेंडर मिला था. उपहार में दी जाने वाली आपूर्ति, आयोजन के तीन दिन पहले पहुंचाने के निर्देश होते हैं. हरदोई में हुए कार्यक्रम के लिए 11 नवंबर तक उपहारों की आपूर्ति होनी थी लेकिन बुधवार यानी 13 नवंबर की शाम आपूर्ति हुई. अब ये घोटाला सामने आने के बाद नवविवाहित जोड़ों की खुशियों पर ग्रहण लग गया है. जो ये उम्मीद लगाए बैठे थे कि प्रधानमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शादी करने से उन्हें फायदा होगा.