नई दिल्ली: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के तीन दिवसीय 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' विषय पर संवाद सोमवार शाम 5:30 बजे से विज्ञान भवन में शुरू हो रहा है. इस कार्यक्रम के जरिए मोहन भागवत संघ के बारे में उत्पन्न भ्रांतियां और उस पर लगने वाले आरोपों के बारे में संघ के दृष्टिकोण से लगभग 2000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों को अवगत कराएंगे. संघ की इस व्याख्यानमाला में सेना, खेल, फिल्म, उद्योग जगत, राजनीति और अन्य क्षेत्रों के बुद्धिजीवी भाग लेंगे. 


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अन्य राजनीतिक दलों को भी भेजा गया न्योता
आपको बता दें कि सरसंघचालक मोहन भागवत के इस कार्यक्रम के लिए संघ की तरफ से 40 से ज्यादा राजनीतिक दलों को न्योता भेजा गया है. जिसमें आग्रह किया गया है कि वह अपने नुमाइंदे को इसमें शरीक होने के लिए नियुक्त करें. लेकिन सियासत के इस खेल में कोई भी विपक्षी दल यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है की न्योता मिला भी है. क्योंकि माना जा रहा है कि नहीं जाने पर भी सवाल उठेंगे और जाते हैं तब भी सवाल उठेंगे. इसलिए सभी विपक्षी दल इस तरह के किसी इनविटेशन को सिरे से नकार रहे हैं. जबकि संघ सूत्रों का कहना है कि सभी दलों को यह न्योता भेजा गया है.


60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भी होंगे शरीक
कार्यक्रम के बारे में प्राप्त जानकारी के मुताबिक 60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि या राजदूत भी इस तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में शरीक होंगे. यहां आपको यह भी बता दें कि संघ ने पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते को देखते हुए उसे इनवाइट नहीं किया है. तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को मोहन भागवत लगभग डेढ़ घंटे अपने विचार रखेंगे. यही क्रम मंगलवार (18 सितंबर) को भी जारी रहेगा. मंगलवार को भी शाम को मोहन भागवत लगभग डेढ़ घंटे बुद्धिजीवियों के सामने RSS के विचार और उसका दृष्टिकोण रखेंगे.


अंतिम दिन मोहन भागवत देंगे सभी सवालों के जवाब
19 तारीख को यानी इस तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के आखिरी दिन RSS प्रमुख लोगों के सवालों का जवाब देंगे. सूत्रों के अनुसार RSS प्रमुख समसामयिक घटनाओं से जुड़े हर सवालों का जवाब देंगे. माना जा रहा है RSS प्रमुख के पास लोगों का लिखित सवाल जाएगा और उन सवालों का एक-एक कर मोहन भागवत जवाब देंगे. कार्यक्रम के बारे में यह भी बताया गया है इसमें सेंसर नहीं होगा, हर तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं और उसका जवाब भी दिया जाएगा. सवाल चाहे मॉब लिंचिंग को लेकर हो या धर्म परिवर्तन को लेकर, राम मंदिर हो या कश्मीर के हालात या फिर मोदी सरकार के कामकाज पर, मोहन भागवत सभी प्रश्नों का जवाब देंगे.


संघ अपने विरोधियों को जवाब देने की तैयारी में है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर शुरू हो रहे इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के जरिए संघ अपने विरोधियों को ना सिर्फ करारा जवाब देने की तैयारी किए हुए है बल्कि इसकी कमान खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत संभाल रहे हैं. 3 दिन के इस कार्यक्रम को संघ अपने वेबसाइट, फेसबुक और ट्वीटर के जरिए लाइव टेलीकास्ट भी करेगा.



रविशंकर प्रसाद ने कहा- आइए, हमारी बात सुनें
वहीं दूसरी ओर संघ के इस न्योते पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. एक ओर जहां राजनीतिक दल न्योता मिलने से इनकार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के नेता उन्हें ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. जी मीडिया के साथ हुई खास बातचीत के दौरान संघ के बारे में बात करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "संघ एक राष्ट्रवादी प्रमाणिक संगठन है. बाढ़ हो तो उसमें काम करते हैं, सूखा होता है तो उसमें काम करते हैं. राष्ट्रवाद का काम करते हैं. संघ संवाद में विश्वास करता है. आइए, हमारी बात सुनें." विरोधी दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "दिक्कत क्या है कि कुछ लोग संघ को दुश्मन मानते हैं और हम लोग दुश्मनी की राजनीति नहीं करते. आप हमारे वैचारिक विरोधी होंगे, हमारे दुश्मन नहीं हैं. संघ ने संवाद में आपको बुलाया है, आप जाइए सुनिए. अच्छी लगे तो आपके ऊपर, नहीं लगे तो आपके ऊपर. लेकिन आप विचार-विमर्श से क्यों भाग रहे हैं? यह दिखाता है कि इन लोगों की राजनीति दूसरे आधार पर चलती है."



अनिल विज ने RSS को बताया देशभक्ति का मंदिर
मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, "आरएसएस देशभक्ति का मंदिर है और मंदिर में भूत-पिशाच कभी नहीं जाते. उनको डर लगता है. शायद इसीलिए कुछ लोग उस मंथन शिविर में जाने का विरोध कर रहे हैं."