नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को सड़कों से हटाने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाने को कहा, ताकि दोनों आपस में मुद्दे पर चर्चा कर सकें. कोर्ट ने कहा कि जल्द यह राष्ट्रीय मुद्दा बनने वाला है और यह सहमति से सुलझना जरूरी है. अब इस मामले पर कल (गुरुवार) सुनवाई होगी.


सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब


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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले पर केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है और कल तक जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने कहा कि हम इस मामले में एक कमेटी का गठन करेंगे, जो इस मसले को सुलझाएगी. इसमें किसान संगठन, केंद्र सरकार और अन्य लोग शामिल होंगे. कोर्ट ने कहा, 'ऐसा लग रहा है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत से हल फिलहाल नही निकलता दिख रहा है.'


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किसने दायर की है याचिका?


किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 3 याचिकाएं दायर की गई हैं. कानून के छात्र ऋषभ शर्मा द्वारा दायर याचिका में दिल्ली के सीमाओं से किसानों को हटाने की मांग की गई है और कहा गया है कि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं. इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस बाधित हो रही है. प्रदर्शन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के कारण कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है. याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को सरकार द्वारा आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. एक अन्य याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को किसानों की मांग पर विचार करने का निर्देश दे.


21वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी


कृषि कानूनों (Agriculture Laws) की वापसी के लिए किसानों का प्रदर्शन लगातार 21वें दिन भी जारी है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को दिल्ली-नोएडा के जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को एक बार फिर बंद कर दिया है, जिसे हाल ही में खोला गया था. सरकार और किसानों के बीच अब तक 6 दौर की बातचीत भी हो चुकी है, जो बेनतीजा रही है और किसान संगठन कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.