लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में दुर्गा शंकर मिश्रा की नियुक्ति से यूपी (UP) के प्रशासन में भारी उथल-पुथल होने की संभावना है. यूपी कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी मिश्रा जो 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले थे उन्हें 30 दिसंबर को सर्विस में एक साल का विस्तार यानी एक्सटेंशन दिया गया है, ताकि उन्हें यूपी के मुख्य सचिव (CS) के रूप में पदभार संभालने में सक्षम बनाया जा सके.


सरकारी आदेश जारी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कैबिनेट सेक्रेटरी (अपॉइंटमेंट कमेटी) दीप्ति उमाशंकर द्वारा 29 दिसंबर, 2021 को जारी आदेश में कहा गया है, कैबिनेट कमेटी ने दुर्गा शंकर मिश्रा, IAS(UP: 1984) को उनके कैडर में उनकी मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश के पद पर प्रस्तावित नियुक्ति के लिए प्रत्यावर्तन को मंजूरी दे दी है. ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब किसी अधिकारी को उसके मूल संवर्ग में यह कहते हुए वापस भेजा गया है कि वह वहां पर ज्वाइन करेंगे.


चर्चा में है नियुक्ति


आपको बता दें कि 1985 बैच के आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार तिवारी वर्तमान में यूपी के मुख्य सचिव हैं. वह फरवरी 2023 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. सेवारत और रिटायर अधिकारियों के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में इस मामले पर काफी चर्चा हुई है.


बेबुनियाद प्रशासक के रूप में पहचाने जाने वाले मिश्रा ऐसे समय में यूपी आए हैं, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. गौरतलब है कि गुरुवार को जब डीएस मिश्रा  लखनऊ पहुंचे तो कार्यभार संभालने से पहले सीधे चुनाव आयोग (EC) के अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होने गए.


ये भी पढ़ें- Omicron पर CM योगी ने कह दी ऐसी बात, जानकर मिलेगा सुकून


जातिगत समीकरण बरकरार


हालांकि, मिश्रा की नियुक्ति ने जाति समीकरण को बिगाड़ा नहीं है, क्योंकि वह ब्राह्मण समुदाय से हैं जो अपने पूर्ववर्ती सीएस आर.के. तिवारी से अधिक मुखर हैं. हालांकि तिवारी को केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन केंद्र में उनकी संभावित नियुक्ति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.


आईआईटी-कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग स्नातक और पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय से एमबीए, मिश्रा ने केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. कहा जाता है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वास हासिल है.



एक्टिव होकर कर रहे काम


सूत्रों के अनुसार, प्रशासनिक फेरबदल शुरू करने से पहले मिश्रा बैठकें कर रहे हैं और राज्य प्रशासन में स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. मायावती शासन के दौरान मिश्रा के साथ काम कर चुके एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, वह निश्चित रूप से रबर स्टैंप नहीं हैं और अगर उन्हें गलत तरीके से रगड़ा जाता है तो आप आतिशबाजी की उम्मीद कर सकते हैं. वह निश्चित रूप से कुछ गुणात्मक बदलाव तो करेंगे ही.


(IANS इनपुट के साथ)


LIVE TV