मुंबई: मायानगरी मुंबई में पोर्नोग्राफी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि अब सेक्सटॉर्शन (Sextortion) को लेकर मुंबई पुलिस ने बड़ा खुलाया किया है, जिसके मुताबिक 100 से ज्यादा बॉलीवुड सितारे (Bollywood Celebrities) और टीवी स्टार्स को इस रैकेट ने अपना शिकार बनाया था. पुलिस ने अब तक गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. 


अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग


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पुलिस ने सेक्सटॉर्शन गिरोह (Sextortion Racket) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये लोग सोशल मीडिया के जरिए सितारों से नजदीकियां बढ़ाते थे और फिर अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे. जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए गिरोह ने नेपाल के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया. 



मुंबई पुलिस (Mumbai Police) को पूछताछ के दौरान पता चला है कि इस गिरोह ने सेक्सटॉर्शन में 258 लोगों को फंसाया था. इनमें से 100 बालीवुड और टीवी के बड़े सितारे शामिल हैं. मुंबई पुलिस ने नागपुर, ओडिसा, गुजरात, कोलकाता से 4 आरोपियों को पकड़ा है, जिनमें से 2 आरोपी पेशे से इंजीनियर हैं जबकि एक नाबालिग है. इनके पास से मोबाइल, 12 फर्जी अकाउंट, 6 फर्जी ईमेल आईडी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं.


डिमांड पर न्यूड वीडियो देने का दावा


जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने सोशल मीडिया के जरिए बालीवुड और टीवी के सितारों से नजदीकी संबंध  बनाए. इसके बाद उनका भरोसा जीतकर अश्लील वीडियो तैयार किए. इन वीडियो के बदले में सेलेब्रिटीज और शिकार लोगों से लाखों रुपये वसूले जाते थे. यही नहीं इन वीडियो के ग्रैब को इसके बाद ट्विटर, डार्क नेट और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया ऍप्लिकेशन पर दूसरे लोगों को मोटी रकम के बदले बेच भी दिया जाता था. ये लोग दावा करते थे कि जिस सितारे का न्यूड वीडियो चाहिए वो उसे मुहैया करवा देंगे.


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जानकारों के मुताबिक सेक्सटॉर्शन के लिए सबसे पहले गिरोह अपने शिकार से स्नैपचैट और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए दोस्ती करता था. फिर 6 महीने या उससे ज्यादा का वक़्त बीतने के बाद उस शख्स को अपने प्यार के जाल में फंसाया जाता. फिर किसी दिन वीडियो कॉल पर उसको न्यूड आने के लिए कहा जाता और उकसा कर उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया जाता. इसके बाद वीडियो को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर ना ले जाने की शर्त पर मोटी रकम वसूली जाती थी. 


नेपाल के बैंक खाते का इस्तेमाल


साइबर सेल (Cyber ​​Cel) को अपनी जांच में पता चला है कि इन आरोपियों ने एजेंसियों से बचने के लिए नेपाल के एक बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया है. साइबर सेल ने अब नेपाल प्रशासन को इस मामले की जानकारी देकर बैंक अकाउंट से जुड़ी डिटेल्स मांगी हैं ताकि इस मामले की तह तक पंहुचा जा सके.