Farmers Protest: देश विरोधी `ग्लोबल गैंग` के समर्थन में उतरे Shashi Tharoor, India Together पर कही ये बात
किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आड़ में भारत को बदनाम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर रप `ग्लोबल गैंग` सक्रिय है. इस गैंग में ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें किसान आंदोलन या भारत के नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के बारे में ठीक से जानकारी भी नहीं है. ऐसे लोगों को भारत ने करारा जवाब दिया तो शशि थरूर (Shashi Tharoor) के पेट में दर्द हो गया है.
नई दिल्ली: सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा चलाने वालों को जवाब दिए जाने से कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor Congress) तिलमिला गए हैं. इसके बाद कांग्रेस नेता किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने की साजिश रचने वालों के समर्थन में उतर आए हैं. शशि थरूर ने बॉलीवुड कलाकारों और क्रिकेटरों से सरकार के समर्थन में उतरने पर कहा है कि केंद्र के 'अड़ियल रवैये और अलोकतांत्रिक' व्यवहार से भारत की छवि को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है.
थरूर देश के साथ या ग्लोबल गैंग के?
बता दें, भारत ने पॉप गायिका रिआना (Pop singer Rihanna) और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) द्वारा किसान आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इसके बाद बॉलीवुड के कई अभिनेताओं, किक्रेटरों और केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार के रुख का समर्थन किया. इस पर थरूर ने ट्वीट किया है, 'भारत सरकार के लिए भारतीय शख्सियतों से पश्चिमी हस्तियों पर पलटवार कराना शर्मनाक है. भारत सरकार के अड़ियल और अलोकतांत्रितक बर्ताव से भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई क्रिकेटरों के ट्वीट (Tweet) से नहीं हो सकती है.' पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले और रवि शास्त्री ने #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda के साथ ट्वीट किए हैं. इसके बाद थरूर ने यह टिप्पणी की है.
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पी चिदंबरम भी उतरे समर्थन में
शशि थरूर (Shashi Tharoor Congress) ने कहा है, 'कानून वापस लीजिए और समाधान पर किसानों के साथ चर्चा कीजिए तब आप #IndiaTogether होंगे. दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय गृह तथा वित्त मंत्री पी चिंदबरम (P. Chidambaram) ने भी रिआना और थनबर्ग का समर्थन किया है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, 'विदेश मंत्रालय, आपको कब अहसास होगा कि मानवाधिकार और रोजगार के मुद्दों से चिंतित लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं? विदेश मंत्रालय ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर टिप्पणी क्यों की थी? इस पर विदेश मंत्रालय बेहद चिंतित क्यों था?' चिदंबरम ने सवाल किया कि विदेश मंत्रालय श्रीलंका और नेपाल के 'आंतरिक' मामलों पर नियमित रूप से टिप्पणी क्यों करता है?
(Input: PTI)
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