What is Sheena Bora Murder Case: हाई प्रोफाइल शीना बोरा मर्डर केस में नया मोड़ आ गया है. मामले की बुधवार को हुई सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट से गवाहों की सूची छोटी करने का आग्रह किया. इसके लिए एजेंसी की ओर से 23 नाम अदालत में दिए गए, जिन्हें विटनेस लिस्ट से हटाया जाना है. इस मामले में सीबीआई ने कुल 250 गवा बनाए हैं, जिनमें से 86 लोगों की गवाही पूरी हो गई है. अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर केस में इंद्राणी मुखर्जी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है. 


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गवाहों की सूची छोटा करने की अर्जी


रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई के जांच अधिकारी रोहित भारद्वाज ने गुरुवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में एक लिखित आवेदन जमा किया है. उस आवेदन में आग्रह किया गया कि एजेंसी अपनी गवाहों की सूची को छोटा करना चाहती है. उन्होंने 23 लोगों के नाम कोर्ट में जमा किए. जिन लोगों के नाम विटनेस लिस्ट से हटाने का आग्रह किया गया है, वे सभी अनुभवी आईपीएस पुलिस अधिकारी हैं. 


हटाए जाएं इन अधिकारियों के नाम


इनमें वर्ष 2012 में मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त रहे राकेश मारिया, शीना बोरा हत्याकांड के जांच अधिकारी दिनेश कदम, रायगढ़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आरडी शिंदे और आईपीएस अधिकारी सत्यनारायण सहित 23 पुलिस अधिकारी हैं. सीबीआई का कहना है कि केस साबित करने के लिए इन अधिकारियों की गवाही जरूरी नहीं है. 


कोर्ट में पलट गए सीबीआई के 2 गवाह


उधर मंगलवार को हुई सुनवाई में एक और बड़ी घटना देखने को मिली. बहस के दौरान सीबीआई के 2 गवाहों ने उल्टे एजेंसी के खिलाफ ही गवाही दे दी. उन्होंने दावा किया कि सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें इंद्राणी की पहचान करने के लिए कहा था. इससे सन्न सीबीआई ने कोर्ट से उन गवाहों को होस्टाइल (मुकरा हुआ गवाह) घोषित करने की मांग की. बहस के बाद कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तारीख तय कर दी. 


क्या है शीरा बोरा हत्याकांड?


बताते चलें कि वर्ष इंद्राणी मुखर्जी की शादी पीटर मुखर्जी से हुई थी. वे पीटर मुखर्जी की दूसरी पत्नी थीं. जबकि खुद इंद्राणी मुखर्जी की यह तीसरी शादी थी. पीटर मुखर्जी की अगुवाई में ही स्टार इंडिया ने देश में अपनी धमक जमाई थी. वर्ष 2012 में इंद्राणी की पहले पति से पैदा हुई बेटी शीना बोरा की हत्या हो गई थी. इस हत्या का आरोप इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी पर लगा था. इसके चलते इंद्राणी को 6 साल जेल में गुजारने पड़े थे. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था. तब से इस मामले की सुनवाई लगातार चल रही है.