Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में `सिस्टम` की सफाई का काम जारी, अब वीरता पुस्कारों पर लिया गया ये फैसला
Gallantry Award in Jammu Kashmir Police: जम्मू कश्मीर में बहादुरी दिखाने पर पुलिसकर्मियों को मिलने वाले मेडल पर अब शेख अब्दुल्ला की तस्वीर दिखाई नहीं देगी. सरकार ने इस संबंध में बड़ा फैसला ले लिया है.
Gallantry Award in Jammu Kashmir Police: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से प्रदेश के सिस्टम में पसरी गंदगी की सफाई का काम धीरे-धीरे जारी है. प्रदेश सरकार ने अब पुलिसकर्मियों को मिलने वाले वीरता पुरस्कारों पर शेख अब्दुल्ला (Sheikh Abdullah) की तस्वीर हटाने की घोषणा कर दी है. इसके बदले अब उन पर 4 शेरों वाला अशोक स्तंभ का चिह्न लगाया जाएगा. सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.
अब मेडल पर नहीं दिखेगा शेख अब्दुल्ला का फोटो
प्रदेश के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब बहादुरी दिखाने पर मिलने वाले गैलेंट्री मेडल पर शेख अब्दुल्ला (Sheikh Abdullah) का फोटो नहीं दिखाई देगा. इसके बजाय अब उन पर देश का राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ दिखाई देगा. जम्मू कश्मीर प्रशासन इससे पहले ‘शेर ए कश्मीर पुलिस पदक’ का नाम बदलकर जम्मू कश्मीर पुलिस पदक कर दिया था.
प्रदेश में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप
बताते चलें कि शेख अब्दुल्ला प्रदेश के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के दादा और फारूक अब्दुल्ला के पिता थे. वे राज्य के पहले सीएम भी थे. शेख अब्दुल्ला को ‘शेर ए कश्मीर’ भी कहा जाता था. फारूक अब्दुल्ला ने अपने पिता शेख अब्दुल्ला की याद में पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले मेडलों पर उनकी तस्वीर लगा दी थी. शेख अब्दुल्ला पर जम्मू कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देने का आरोप रहा.
पीडीपी ने जम्मू कश्मीर प्रशासन पर लगाया आरोप
उधर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने आरोप लगाया कि बीजेपी प्रदेश की सत्ता पर कब्जा करने के लिए इलाके को ‘सांप्रदायिक लड़ाई के अखाड़े’में तब्दील कर रही है. पीडीपी प्रवक्ता और पूर्व विधायक फिरदौस अहमद टाक ने यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम की ओर से डोडा में आयोजित ‘श्रद्धांजलि सभा’ के एक दिन बाद की है. उस श्रद्धांजलि सभा में एक वक्ता दिनेश भारती ने कथित तौर पर हिंदुओं को हथियार उठाने और पाकिस्तान प्रायोजित आंतकवाद से लड़ने में सुरक्षा बलों की कुर्बानी नहीं भूलने की अपील की थी.
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टाक ने कहा, ‘सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी चेनाब घाटी को संप्रदायिक लड़ाई के अखाड़े में तब्दील कर रही है. जम्मू कश्मीर प्रशासन दक्षिणपंथी ताकतों के एजेंडे को प्रायोजित कर रहा है और सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे में संलिप्त हो रहा है.’
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