शिमला: अगर आप पिछले सप्ताह हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में बर्फबारी का मजा उठाने से चूक गए, तो एक और मौका है. शिमला मौसम विभाग ने बुधवार को 11 से 12 जनवरी के बीच और अधिक बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है. मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया, शिमला, नारकंडा, कुफरी, कल्पा, डलहौजी और मनाली जैसे अधिकांश प्रमुख पर्यटन शहरों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. 


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उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 10 जनवरी की शाम से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है और यह 13 जनवरी तक सक्रिय रहेगा. राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का ज्यादा असर 12 जनवरी को देखा जाएगा, जिसके प्रभाव से शिमला, किन्नौर, सिरमौर, कुल्लू, चंबा और लाहौल-स्पीति जिलों में भारी बर्फबारी की संभावना है.


राज्य के निचले इलाकों जैसे धर्मशाला, पालमपुर, सोलन, नाहन, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और मंडी में व्यापक बारिश की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट आएगी. शिमला, नारकंडा, कुफरी, कल्पा, डलहौजी और मनाली जैसे अधिकांश प्रमुख पर्यटन शहरों में 6 जनवरी को हल्की बर्फबारी हुई थी.


शिमला का बुधवार को न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि कल्पा में शून्य से सात डिग्री कम, मनाली में शून्य से चार डिग्री नीचे, डलहौजी में 2.9 डिग्री, कुफरी में 0.7 डिग्री और धर्मशाला में 2.2 डिग्री दर्ज किया गया.


कल्पा में मंगलवार से 3.8 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की जा चुकी है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि बर्फबारी से निपटने के लिए वह पूरी तरह से तैयार है. निवासियों और पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे ऊंची पहाड़ियों पर न जाएं क्योंकि सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की काफी संभावना है.


एक सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि राज्य के दूरदराज के इलाकों में लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और परिवहन में बाधा आ सकती है. शिमला के पास के इलाके जैसे कुफरी और नारकंडा और लोकप्रिय पर्यटक रिसॉर्ट मनाली और डलहौजी के अभी भी बर्फ की मोटी चादर में लिपटे हैं. शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप ने पर्यटकों से अपील की है कि वह शिमला से आगे कुफरी की ओर अपने वाहनों से यात्रा करने से बचें क्योंकि पिछले सप्ताह हुई बर्फबारी के बाद सड़कें फिसलन भरी हैं.