West Bengal में सीबीआई कार्रवाई के बाद केंद्र पर हमला, Shiv Sena ने कही ये बड़ी बात
Shiv Sena on BJP: सामना (Saamana) में लिखा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के मार्फत ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर हमले जारी हैं. इस झगड़े में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का नाम खराब हो रहा है. कोलकाता (Kolkata) में जो हुआ वो देश की प्रतिष्ठा को शोभा नहीं देता है.
मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) में पश्चिम बंगाल मे सीबीआई (CBI latest action in West Bengal) की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े करते हुए बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है. सामना में लिखा है कि इजराइल और गाजा संघर्ष जितना ही तेज संघर्ष फिलहाल ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) व केंद्र सरकार के बीच जारी है.
केंद्र में जब तक मोदी-शाह हैं, तब तक इस संघर्ष का अंत नहीं होगा. ऐसा लग रहा था कि बंगाल चुनाव खत्म होने के बाद वहां शांति आ जाएगी पर ऐसा नहीं है. चुनाव में दयनीय पराजय के बावजूद बीजेपी हार स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
'पीएम का नाम खराब हो रहा है'
सामना में आगे ये भी लिखा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के मार्फत ममता बनर्जी पर हमले जारी हैं. इस पूरे झगड़े के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का नाम खराब हो रहा है. सोमवार को कोलकाता (Kolkata) में जो हुआ, वह देश की प्रतिष्ठा को शोभा नहीं देता है. साल 2014 के नारदा स्टिंग प्रकरण (Narda Sting Case) में सीबीआई (CBI) ने बंगाल के वर्तमान मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी तथा पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी और विधायक मदन मित्रा समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. चारों सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता हैं.
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मुकुल रॉय, सुवेंदु अधिकारी क्यों छूट गए?
सामना में आगे लिखा गया कि जब भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है वो स्वीकार्य है. उसमें कोई दिक्कत नहीं लेकिन उस कार्रवाई से मुकुल रॉय, सुवेंदु अधिकारी जैसे लोग क्यों छूट गए? इन लोगों के बीजेपी में प्रवेश करने से सीबीआई ने क्या उन्हें उबटन लगाकर नहलाया है?
संघर्ष देश को नई दिशा देगा: सामना
ममता बनर्जी का चमकदार नेतृत्व संघर्ष से तपकर बाहर निकला है. यह संघर्ष देश को नई दिशा देगा. ये केंद्र बनाम राज्य संघर्ष का आखिरी चरण है. ममता बनर्जी की जीत पर मोदी-शाह को इतना नाराज होने की जरूरत नहीं थी. चूंकि नए दौर में हर जीत-हार को व्यक्तिगत तौर पर लिया जाता है. इसलिए विजयी ममता को हतोत्साहित करके हर हाल में झुकाना है, ऐसा केंद्र ने तय किया होगा तो यह लोकतांत्रिक परंपरा को नष्ट कर रहे हैं. परंतु कौन कहे ? यह सब ऐसे ही चलता रहेगा.
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