सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? कर्पूरी ठाकुर के सम्मान पर उद्धव का केंद्र से सवाल
Shiv Sena : शिवसेना नेता संजय राउत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने के फैसले को एक राजनीतिक कदम बताया है. बता दें, ठाकुर दिसंबर 1970 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे.
Bharat Ratna : शिवसेना (UBT) ने भाजपा पर निशाना साधा है. शिवसेना (UBT) ने हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ नहीं देने को लेकर बुधवार (24 जनवरी) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार पर हमला किया. शिवसेना (UBT) नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने के केंद्र के फैसले को एक राजनीतिक कदम बताया है.
मोदी के नेतृत्व में 11 लोगों को भारत रत्न
राउत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में 2014 से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से 11 लोगों को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (भारत रत्न) से सम्मानित किया गया है, लेकिन सावरकर को इस सूची में जगह नहीं मिली है.
बिहार में OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) की राजनीति का सूत्रधार माने जाने वाले ठाकुर की जन्म शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर मंगलवार (23 जनवरी) को उन्हें ‘भारत रत्न’ के लिए नामित किया गया. बता दें, कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को पितौंझिया में हुआ था. वह दिसंबर 1970 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. वे मार्च 1967 से जनवरी 1968 तक उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री रहे. उनका निधन 17 फरवरी 1988 को हो गया था.
बिहार भाजपा के लिए महत्वपूर्ण : राउत
वह पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे जो दो बार मुख्यमंत्री बने थे. वह पहली बार दिसंबर 1970 में सात महीने के लिए और 1977 में दो साल के लिए मुख्यमंत्री बने थे. राउत ने कहना है, कि ‘‘हम इस बात पर कायम हैं, कि वीर सावरकर को ‘भारत रत्न’ दिया जाना चाहिए. कर्पूरी ठाकुर ओबीसी के नेता हैं और हमें खुशी है कि उन्हें ‘भारत रत्न’ के लिए नामित किया गया है. साथ ही राउत ने कहा कि यह चुनावी मौसम है और बिहार भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है.
बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं और वर्तमान में वहां जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की गठबंधन सरकार है. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का हर कदम राजनीतिक स्वार्थ के लिए है. स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रमुख लोगों को सम्मानित किया जाता है, लेकिन सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित क्यों नहीं किया जाता? भाजपा उन्हें भारत रत्न देने से क्यों भाग रही है?’’ आलोचक सावरकर पर कट्टर हिंदुत्ववादी नेता होने का आरोप लगाते हैं.