मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) में देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर जम कर निशाना साधा है. सामना (Saamana) में लिखा है, 'देश की सभी समस्याओं का समाधान हो जाने के कारण गृह मंत्री अमित भाई शाह रविवार को कोकण प्रांत में पैरों की धूल झाड़कर गए. उनके स्वागत के लिए महाराष्ट्र के मूल और आयातित भाजपाई मौजूद थे. अमित भाई लंबे अर्से बाद महाराष्ट्र में अवतरित होने पर क्या कहते हैं, क्या करते हैं, इस ओर लोगों का ध्यान लगा था. अपेक्षानुसार अमित शाह ने धूल उड़ाई परंतु उनका विमान दोबारा दिल्ली में उतरने से पहले ही धूल बैठ गई.'


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'महाराष्ट्र गंभीरता से नहीं लेता'
सामना में लिखा है, 'अमित शाह (Amit Shah) ने नया ऐसा कुछ भी नहीं कहा. उन्होंने वही कोयला गर्माकर क्या हासिल किया? उनका हमेशा का सफल मुद्दा मतलब महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के विश्वासघात से शुरू हुआ. सरकार तीन पहियों वाली है वगैरह-वगैरह. बंद कमरे में हमने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के पद को लेकर कोई भी वचन नहीं दिया था. दूसरा मतलब हम जो करते हैं, वह ‘डंके की चोट पर’ करते हैं. बंद कमरे में कभी भी कुछ नहीं करते हैं. ऐसी डींग उन्होंने कोकण में आकर मारी इसलिए किसी का मनोरंजन हुआ होगा तो पता नहीं, परंतु महाराष्ट्र ने इन डींगों को गंभीरता से लिया होगा, ऐसा नजर नहीं आ रहा है.'


'किसानों से बातचीत क्यों नहीं?'
इसके साथ ही सामना में अमित शाह (Amit Shah) पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया है, 'देश के समक्ष कई गंभीर समस्याएं हैं तथा देश के गृह मंत्री को उन समस्याओं को हल करने की ओर ध्यान देना चाहिए. कोकण की सभा में धूल उड़ाते समय वहां उत्तराखंड में जल प्रलय की स्थिति आ गई. गांव के गांव बह गए. गृह मंत्रालय को वहां विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. लाखों किसान अगले 6 महीनों की रसद लेकर दिल्ली की सीमा पर डेरा डालकर बैठे हैं. उनकी समस्या अत्यंत संयम और समझदारी से हल करने की आवश्यकता है. भाजपा के रिश्ते-गोत्र वाला कोई एक दीप सिद्धू किसानों का झुंड लेकर लाल क़िला (Red Fort) में घुसा व तिरंगे का अपमान किया. उस पर कार्रवाई नहीं होती है.'


'टीवी एंकर पर कार्रवाई कब?'
Article 370 का जिक्र करते हुए लिखा है, 'कश्मीर में पंडितों की घरवापसी नहीं हुई है. देश के कई भागों में आंतरिक सुरक्षा का प्रश्न गंभीर हो रहा है. भाजपा समर्थित एक ‘टीवी’ एंकर ने राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करके राष्ट्रद्रोह जैसा अपराध किया. उस पर भी ‘डंके की चोट’ पर कार्रवाई शेष है. गृह मंत्री अब ऐसे राष्ट्रीय कर्तव्यों का भान रखेंगे तो अच्छा होगा अन्यथा राजनीतिक धूल उड़ाने का वक्त बीत जाएगा व देश गड्ढे में गिर पड़ेगा.'


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'सरकार अस्थिर करने का प्रयास'
इसके आगे सामना में लिखा है, 'महाराष्ट्र की सरकार को अस्थिर करने के लिए हरसंभव प्रयास किया गया जो कि नाकाम होगा. इन प्रयासों से संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल की अवमानना की गई. महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए बारह विधायकों की नियुक्ति रोकी गई. मतलब सरकार के प्राण छटपटाएंगे, ऐसा जिन्हें लगता है वे भ्रम में हैं. इन तमाम प्रयासों से तुम्हारा ही वस्त्रहरण हुआ है. कोकण में धूल उड़ाते समय यही हुआ. आपके नंगेपन से कोकण के भूत भी नहीं डरते. उस पर देवादिकों का क्या लेकर बैठे हो!'


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