Sidhu Moose Wala Murder Case: पंजाब के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला को रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्याकांड के बाद पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में आपसी दुश्मनी का परिणाम लग रहा है और इसके लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है. पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) वीके भवरा ने कहा कि मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या गिरोहों के बीच आपसी दुश्मनी का परिणाम लग रही है और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह इसमें शामिल है.


जांच के लिए 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन


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बठिंडा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) प्रदीप यादव ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Musewala Murder) की प्रभावी और तीव्र जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. इस दल में एसपी (जांच) मानसा धर्मवीर सिंह, डीएसपी (जांच) बठिंडा, विश्वजीत सिंह और प्रभावी सीआईए मानसा प्रीतिपाल सिंह शामिल हैं.


आपसी दुश्मनी हो सकती है हत्या की वजह


पंजाब पुलिस के प्रमुख ने हत्या को लेकर जांच की जानकारी देते हुए बताया, 'शुरुआती जांच में यह घटना गिरोहों के बीच आपसी दुश्मनी का नतीजा लगती है.' उन्होंने बताया कि सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Musewala) के मैनेजर शगनप्रीत का नाम पिछले साल अकाली नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में सामने आया था. इसके बाद शगुनप्रीत ऑस्ट्रेलिया भाग गया था. उन्होंने बताया कि मूसेवाला की हत्या मिद्देखेड़ा की हत्या का बदला लग रही है. इस घटना में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का हाथ है. कनाडा से गिरोह के एक सदस्य ने हत्या की जिम्मेदारी ली है.


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गोल्डी बराड़ ने ली है हत्या की जिम्मेदारी


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कनाडा में रहने वाले गोल्डी बरार (Goldy Brar) ने सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Musewala) की हत्या की जिम्मेदारी ली है. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और लक्की पटियाला गिरोह के बीच दुश्मनी है. 3 बंदूकधारियों की पहचान हरियाणा निवासी सन्नी, अनिल लठ और भोलू के रूप में की गई है, जिन लोगों को अकाली नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या के संबंध में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले ही गिरफ्तार किया था, जबकि शगनप्रीत का नाम इस मामले की प्राथमिकी में बतौर आरोपी नामजद है.


मूसेवाला की सुरक्षा में तैनात थे 2 कमांडो


पंजाब के डीजीपी वीके भवरा ने कहा कि पहले सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Musewala) की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस के चार कमांडो तैनात थे. हर साल 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की बरसी और अगले महीने 'घल्लुघारा सप्ताह' के कारण सुरक्षा कम की जाती है. इसी को देखते हुए मूसेवाला की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस के चार कमांडो में से दो को हटाया गया था और फिलहाल 2 कमांडो उनकी सुरक्षा में तैनात थे.


कमांडो और बुलेट प्रूफ गाड़ी के बिना गए थे मूसेवाला


पुलिस महानिदेशक वीके भवरा के मुताबिक, वारदात के समय सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Musewala) जब मानसा जिले में थे, तब वह अपने बचे हुए दो कमांडो को साथ नहीं ले गए थे. इसके साथ ही मूसेवाला अपनी प्राइवेट बुलेट प्रूफ गाड़ी भी नहीं ले गए थे. डीजीपी ने बताया कि घटनास्थल से गोलियों के 30 खाली खोल बरामद किए गए हैं. उन्होंने अनुमान जताया कि हत्या में कम से कम तीन हथियारों का इस्तेमाल किया गया होगा.



खुद गाड़ी चलाकर गए थे मूसेवाला


पंजाब के डीजीपी वीके भवरा ने घटना की और जानकारियां देते हुए बताया कि सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Musewala) रविवार को अपने पड़ोसी गुरविंद सिंह और रिश्तेदार गुरप्रीत सिंह के साथ शाम साढ़े चार बजे अपने घर से रवाना हुए. इस दौरान वह खुद गाड़ी चला रहे थे. भवरा ने कहा कि जब मूसेवाला जवाहरके गांव पहुंचे थे तो सामने से दो गाड़ियों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया. इसके बाद सामने से सिद्धू मूसेवाला पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गई. उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और तीनों को मानसा स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही मूसेवाला की मौत हो गई. वहीं अन्य दो लोगों की हालत स्थिर है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)


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