जम्मू: सियाचिन हिमनद में हुए हिमस्खलन में भारी बर्फ के नीचे दफन होने के छह दिन बाद चमत्कारिक रूप से जीवित निकले लांस नायक हनुमनथप्पा को मंगलवार को सियाचिन स्थित सेना के आधार शिविर लाया गया और यहां से उन्हें विशेष एयर एंबुलेंस विमान के जरिए दिल्ली के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज किया जा रहा है। हनुमनथप्पा की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। हनुमनथप्पा का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि अगला 48 घंटे उसके लिए काफी अहम हैं।


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आर्मी अस्पताल में उनका हालचाल जानने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं भी पूरे देश की तरह हनुमनथप्पा के लिए प्रार्थना कर रहा है। वह यकीनन असाधारण सैनिक हैं। उम्मीद करता हूं कि सब अच्छा होगा।


सेना के सूत्रों ने बताया कि लांस नायक को पालम टेक्निकल एयरपोर्ट लाया गया जहां से उन्हें विमान के जरिए अस्पताल ले जाया गया। पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 19,600 फुट की उंचाई पर स्थित चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आ जाने के बाद मूल रूप से कर्नाटक के निवासी थापा छह दिन तक 25 फुट मोटी बर्फ के नीचे दफन थे। उन्हें कल बाहर निकाला गया। यहां पर तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे था।


 


नॉदर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा के मुताबिक, चौकी पर तैनात एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और मद्रास रेजिमेंट रैंक के आठ अन्य सहित कुल नौ सैनिकों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया, ‘अब तक पांच शव बरामद किए गए हैं और चार शवों की पहचान हो गई है।’