जालंधर : केंद्र की राजग सरकार के संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक का समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा किये जा रहे विरोध को समर्थन देने के कांग्रेस अध्यक्ष के ऐलान के बाद अन्ना ने कहा है कि सोनिया गांधी अपने राजनीतिक फायदे के लिए इसका विरोध कर रही हैं।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यहां रविवार को हिंद समाचार समूह की ओर से आयोजित शहीद परिवार फंड वितरण समारोह में हिस्सा लेने आये अन्ना हजारे ने समारोह से इतर ‘पीटीआई भाषा’ से खास बातचीत में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का मकसद केवल इस विधेयक पर राजनीति करना है। वह अपनी पार्टी के राजनीतिक फायदे के लिए इस विधेयक का विरोध कर रही हैं।’


अन्ना ने कहा, ‘मौजूदा सरकार की तरह सोनिया गांधी को भी किसानों से कोई लेना देना नहीं है। वह केवल और केवल राजनीति कर रही हैं ताकि किसी तरह वह इस आंदोलन से फायदा ले सकें। अगर किसानों से उनका मतलब होता तो 2013 में कानून बनाने से पहले देश भर में भूमि का सर्वेक्षण किया जाना था।’ प्रसिद्ध समाजसेवी ने कहा, ‘यह सब राजनीति है। मैं जब भी जनहित में आंदोलन करता हूं तो इसका फायदा विपक्ष में बैठी पार्टी ले जाती है। लेकिन अब इस बारे में जनता को सोचना होगा और उन्हें इस पर गहराई से विचार करना होगा कि इन सबके बीच आखिर सच क्या है।’


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले हफ्ते अन्ना को पत्र लिखकर भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा की थी। इस बाबत अन्ना से पूछे जाने के बाद उनका यह बयान आया है। अन्ना ने दोहराया, ‘जब तक भूमि का सर्वेक्षण कर उनका वर्गीकरण नहीं किया जाता है तब तक भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। किसानों के कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। मैं हमेशा से कहता आया हूं कि जमीनों का वर्गीकरण कर केवल अनुपयोगी और कृषि कार्य में नहीं आने वाली जमीनों का ही अधिग्रहण होना चाहिए।’


उन्होंने कहा, ‘सभी राजनीतिक पार्टी अपने सियासी फायदे के साथ हमारे आंदोलन में जुडते हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो जब मैंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना दिया था, उस समय कांग्रेस हमारे साथ क्यों नहीं आयी थी।’ आम आदमी पार्टी के भीतर मचे घमासान के बारे में पूछने पर अन्ना ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘कुर्सी में ही दिक्कत है। इस पर बैठते ही लोगों की बुद्धि बदल जाती है, जो लोग सत्ता में आ जाते हैं उन्हें कुर्सी के अलावा कुछ नहीं दिखता हैं। लोगों को अपनी कुर्सी की चिंता छोड़कर आमजन की भलाई के लिए काम करना चाहिए जिसका उन्होंने वादा किया है।’


यह पूछने पर कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तमाम घोषणायें की हैं, जिन्हें लागू करने की बात की है, अन्ना ने कहा, ‘कहना आसान है। करना बडा मुश्किल होता है। जब तक व्यवस्था नहीं हो तब तक हवा में बात करना सही नहीं है। सत्ता में बैठे लोगों को यह देखना चाहिए।’