एक तरफ टीम इंडिया ने जहां दक्षिण अफ्रीका में 26 साल बाद फतह के झंडे गाड़े, वहीं दूसरी तरफ सहारनपुर से ताल्‍लुक रखने वाले गुप्‍ता ब्रदर्स की वजह से वहां की राजनीति में भूचाल आ गया है. इसका नतीजा यह हुआ कि अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के नेता और राष्‍ट्रपति जैकब जुमा को राष्‍ट्रपति पद से इस्‍तीफा देना. अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस वही पार्टी है जिसने नेल्‍सन मंडेला की अगुआई में देश में अंग्रेजी राज और रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ी. नतीजतन दक्षिण अफ्रीका को अंग्रेजी दासता से आजादी मिली और इस पार्टी के नेता के रूप में नेल्‍सन मंडेला ने 1994 में देश की कमान संभाली. इसी पार्टी के नेता जैकब जुमा पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे हैं जिनकी वजह से उनको राष्‍ट्रपति पद छोड़ना पड़ा. दरअसल इस पूरे विवाद के केंद्र में गुप्‍ता ब्रदर्स हैं. इनके जुमा के साथ करीबी नाता रहा है. इस पूरे मामले में आइए जानें 10 अहम बातें:


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1. गुप्‍ता बंधु अजय(50), अतुल(47) और राकेश(44) सहारनपुर में जन्‍में हैं. इन तीनों की शिक्षा-दीक्षा स्‍थानीय जेवी जैन कॉलेज से हुई. पिता शिवकुमार की सहारनपुर में राशन की कई दुकानें थीं. इसके अलावा उनकी दिल्‍ली में एक कंपनी एसकेजी मार्केटिंग थी. उसके जरिये ये मैडागास्‍कर और जंजीबार से मसालों का निर्यात करते थे. उनकी एक और कंपनी टेलकम पाउडर में इस्‍तेमाल होने वाले सोपस्‍टोर पाउडर का वितरण करती थी. सहारनपुर के रानी बाजार में इनका एक बड़ा मकान है.  


2. 1994 में दक्षिण अफ्रीका ने जब आजाद होने के बाद विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने दरवाजे खोले तो पिता शिवकुमार ने अतुल गुप्‍ता को वहां कारोबार के लिए भेजा. अतुल के पास कंप्‍यूटर की डिग्री थी. उन्‍होंने 1.4 मिलियन रेंड से वहां कंप्‍यूटर असेंबलिंग, मार्केटिंग, डिस्‍ट्रीब्‍यूशन और ब्रांडिंग का काम शुरू किया. इस कंपनी की सफलता के बाद बाकी दोनों भाई भी दक्षिण अफ्रीका शिफ्ट हो गए.


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3. उनकी कंपनी महज तीन वर्षों में 97 मिलियन रेंड की कंपनी में तब्‍दील हो गई. उसके बाद उनका बिजनेस माइनिंग, ट्रेवल, एनर्जी, टेक्‍नोलॉजी और मीडिया के क्षेत्र में बढ़ता ही चला गया. पिता की मृत्‍यु के बाद पूरी परिवार दक्षिण अफ्रीका में शिफ्ट हो गया. मां को छोड़कर सभी ने दक्षिण अफ्रीका की नागरिकता ले ली. इस वक्‍त गुप्‍ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका के 10 सबसे अधिक अमीर लोगों में गिने जाते हैं.


4. गुप्‍ता ब्रदर्स को पूर्व राष्‍ट्रपति जैकब जुमा का करीबी माना जाता है. उन पर सियासी फायदे से कारोबार में आगे बढ़ने का आरोप है. जुमा की एक बीवी, बेटा और कई रिश्‍तेदार उनकी कंपनी के अहम पदों पर हैं. जुमा सरकार के कई मंत्रियों के रिश्‍तेदार भी उनकी कंपनियों में बड़े पदों पर आसीन हैं.


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5. मौजूदा विवाद एक डेयरी प्रोजेक्‍ट को लेकर है. ये योजना गरीबों के कल्‍याण के लिए थी लेकिन इसके जरिये इन्‍होंने बड़े पैमाने पर घालमेल कर फंड को इधर से उधर किया. इसके अलावा जुमा सरकार के जरिये मनचाही नीतियां बनवाने का आरोप है. जैकब जुमा से उनका नाता तब का है जब वह राष्‍ट्रपति नहीं थे.


6. तीन साल पहले देश के तत्‍कालीन उप वित्‍त मंत्री मसोबीसी जोनास ने दावा किया था कि उनको वित्‍त मंत्री का पद दिलाने का गुप्‍ता बंधुओं ने भरोसा दिया था. इसी तरह इन पर 2010 में एक सांसद को मंत्री बनवाने का आश्‍वासन दिया था. इन पर अपने बिजनेस हितों के लिए सरकार के भीतर मनमुताबिक भर्तियां करने का आरोप लगता रहा है.


7. जैकब जुमा पर जो आरोप हैं उनमें से प्रमुख रूप से गलत तरीके से गुप्‍ता बंधुओं को लाभ पहुंचाने का मामला है. इसके अलावा जैकब पर यह भी आरोप है कि उन्‍होंने अपने निजी घर को आकर्षक बनाने के लिए सरकारी खजाने से लाखों डॉलर खर्च करवाए. इन मुद्दों पर संसद में उनके खिलाफ महाभियोग लाया गया लेकिन वहां वह बच गए किंतु पार्टी ने आखिरकार उनको हटाने का फैसला कर लिया.


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8. इस वक्‍त जैकब जुमा और गुप्‍ता परिवार के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में आम लोगों के बीच बेहद गुस्‍सा है. जोहानिसबर्ग में इनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. नारे लगाए जा रहे हैं.


9. गुप्‍ता ब्रदर्स का दुनिया के अन्‍य मुल्‍कों में भी कारोबार है. पिछले कुछ सालों में उन्‍होंने दुबई, ऑस्‍ट्रेलिया, तुर्की और कई अन्‍य देशों में अपने बिजनेस को फैलाया है. जैकब जुमा के पद से हटने के बाद कहा जा रहा है कि गुप्‍ता बंधुओं पर शिकंजा कस सकता है. यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ये दक्षिण अफ्रीका छोड़कर भाग भी सकते हैं.


10. सहारनपुर में इनके परिवार के बारे में कहा जाता है कि ये लोग अपनी जड़ों से जुड़े हैं. सहारनपुर में आते रहते हैं और बड़ी पार्टियों का आयोजन कर पुराने परिचितों को बुलाते हैं. सहारनपुर में रानी बाजार और मिशन कंपाउंड इलाके में इनके दो घर हैं.