मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला सुनाने वाले स्पेशल NIA जज ने दिया इस्तीफा
सोमवार को स्पेशल एंटी टेरर कोर्ट ने मक्का मजिस्द में 2007 में हुए विस्फोट कांड में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद और चार अन्य को सोमवार को बरी कर दिया.
हैदराबाद : मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला सुनाने वाले स्पेशल एनआईए जज रविंद्र रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह खबर दी है. पीटीआई के मुताबिक रेड्डी ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया और कहा कि इसका सोमवार के फैसले से कोई लेना देना नहीं है. एक अधिकारी ने बताया कि दरअसल उन्होंने कहा कि वह काफी समय से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे थे.
बता दें स्पेशल एंटी टेरर कोर्ट ने मक्का मजिस्द में 2007 में हुए विस्फोट कांड में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद और चार अन्य को सोमवार को बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन उनके खिलाफ मामला साबित करने में नाकाम रहा है. मक्का मस्जिद में 18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान एक बड़ा विस्फोट हुआ था जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 अन्य जख्मी हो गए थे.
पांच आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी
एनआईए की एक मेट्रोपोलिटन अदालत के फैसले के बाद असीमानंद के वकील जे. पी. शर्मा ने कहा, ‘‘ अभियोजन मुकदमे का सामना करने वाले पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है. इसलिए अदालत ने उन्हें बरी कर दिया.’’ शर्मा ने बताया कि बरी हुए आरोपियों में देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद उर्फ नब कुमार सरकार, भरत मोहनलाल रतेश्वर उर्फ भरत भाई और राजेंद्र चौधरी शामिल हैं.
इस मामले की शुरूआती जांच स्थानीय पुलिस ने की थी और फिर इसे सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था. इसके बाद 2011 में देश की प्रतिष्ठित आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी एनआईए को यह मामला सौंपा गया.
सुनवाई के दौरान 226 चश्मदीदों से पूछताछ की गई
हिन्दू दक्षिणपंथी संगठनों से कथित रूप से संपर्क रखने वाले 10 लोग मामले में आरोपी थे. बहरहाल, उनमें से आज बरी हुए पांच आरोपियों पर ही मुकदमा चला था. मामले के दो अन्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कलसांगरा फरार हैं और एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की हत्या कर दी गई है. अन्य दो आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है. सुनवाई के दौरान 226 चश्मदीदों से पूछताछ की गई और करीब 411 दस्तावेज पेश किए गए.
(इनपुट - भाषा)